भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने एक बेहद मजेदार जानकारी सबसे लिए शेयर की और इस बात की जानकारी दी कि उन्होंने अपनी जर्सी के लिए क्यों 7 नंबर का चुनाव किया था। धोनी ने खुलासा किया कि उनके लिए यह अंक काफी महत्व रखती है क्योंकि यह वही दिन था जब उनके माता-पिता ने फैसला किया था कि वह इस दुनिया में आएंगे। इन नंबर के पीछे की अन्य और कहानी भी धोनी ने बताई।

एमएस धोनी ने 7 नंबर की जर्सी पहनकर जहां भारत को गौरवान्वित किया और 2007 में टी20 वर्ल्ड कप खिताब दिलाया था तो वहीं साल 2011 में उन्होंने वनडे वर्ल्ड कप जीता। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने भी धोनी के सम्मान में 7 नंबर की जर्सी को रिटायर कर दिया यानी धोनी के बाद भारीतय क्रिकेट में अन्य कोई भी खिलाड़ी इस नंबर की जर्सी पहने हुए नजर नहीं आएगा। धोनी आईपीएल में भी 7 नंबर की जर्सी पहनकर चेन्नई सुपर किंग्स के लिए खेलते हैं और उन्होंने इस टीम को भी 5 बार चैंपियन बनाया।

7 नंबर से है धोनी का खास नाता

एनडीटीवी स्पोर्ट्स ने धोनी के हवाले से नंबर 7 की जर्सी के पीछे की कहानी बताते हुए कहा कि यह वह समय था जब मेरे माता-पिता ने फैसला किया था कि मैं धरती पर आऊंगा तो मेरा जन्म 7 जुलाई को हुआ था और जुलाई साल का 7वां महीना भी है। मैं 1981 में पैदा हुआ था तो 81 वर्ष के हिसाब से 8-7= 1 होता है। इसलिए जब मैं भारतीय टीम में चुना गया और उन्होंने मुझसे पूछा कि तुम्हें कौन सा नंबर चाहिए तो मैंने 7 का चयन किया।

रांची से ताल्लुक रखने वाले एमएस धोनी सीएसके के कप्तान हैं और वह मैच को फिनिश करने की अपनी क्षमता के लिए जाने जाते हैं। 350 एकदिवसीय मैचों के अपने शानदार करियर में, धोनी ने 50.57 की औसत और 87.56 की स्ट्राइक रेट से 10,773 रन बनाए, जिसमें 10 शतक और 73 अर्धशतक शामिल हैं। 90 टेस्ट और 98 T20I में उन्होंने क्रमशः 4,876 और 1,617 रन बनाए। उनके नेतृत्व में भारत ने साल 2013 में चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब भी हासिल किया था जो उनकी कप्तानी में भारत का आखिरी आईसीसी खिताब था। एक मैच विजेता और शानदार कप्तान के रूप में उनकी विरासत विश्व क्रिकेट के इतिहास में कायम रहेगा।