Analysis: भारतीय टीम (Team India) इस समय चोटिल खिलाड़ियों की समस्या से लगातार जूझती नजर आई हैं। खिलाड़ी चाहे युवा हो चाहे सीनियर सभी चोटों से जूझते नजर आ रहे हैं। भारतीय टीम में रोहित शर्मा (Rohit Sharma), जसप्रीत बुमराह (Jasprit Bumrah), मोहम्मद शमी (Mohammad Shami), रविंद्र जडेजा (Ravindra Jadeja), वाशिंगटन सुंदर (Washington Sundar), कुलदीप सेन (Kuldeep Sen) जैसे क्रिकेटर चोटिल है। इस कारण से भारत (India) को एशिया कप (Asia Cup) और टी20 वर्ल्ड कप (T20 World Cup) जैसे टूर्नामेंट्स में भी हार का सामना करना पड़ा है।
प्रोसेस और प्रोटोकॉल पर देना होगा ध्यान (Pay attention to process and protocol)
भारत के पूर्व स्ट्रेंथ एंड कंडीशनिंग कोच रामजी श्रीनिवासन ने कहा कि चोटिल होने की वजह से प्रोसेस, प्रोटोकॉल और सिस्टम में गड़बड़ी हो सकती है। उनका कहना है कि अभी टीम इंडिया की फिजिकल फिटनेस में प्रोफेशनलिज्म की कमी दिखती है। जिसकी जिम्मेदारी किसी न किसी को तो लेनी होगी।
उन्होंने जिम में ज्यादा पसीना बहाने को लेकर भी खिलाड़ियों को सतर्क किया। जिम ट्रेनिंग दिखने में अच्छी हो सकती है लेकिन सिक्स पैक, ऐट पैक क्रिकेटरों के लिए सही नहीं हैं। हम हमेशा क्रिकेटरों की तुलना बाकी एथलीट से करते हैं। क्रिकेटर एनबीए खिलाड़ी, रोनाल्डो और जोकोविच जैसी ट्रेनिंग करना चाहते हैं। यह सहीं नहीं है क्योंकि सभी की जरूरत अलग-अलग होती है। एक तेज गेंदबाज को ज्यादा भारी नहीं होना चाहिए। आप क्रिकेट स्किल्स के हिसाब से खेलते हो। इसमें फिटनेस केवल आपको सहयोग करने के लिए होता है।
तीनों फॉर्मेट में खेलने वाले खिलाड़ियों को रखना होगा ध्यान (Players playing in all three formats will have to take care)
उन्होंने आगे कहा कि पहले भी कई खिलाड़ी भारत के लिए तीनों फॉर्मेट में खेला करते थे। अगर कोई खिलाड़ी तीनों फॉर्मेट खेलता है तो उसे फिट रखने का काम स्ट्रेंथ एंड कंडीशनिंग कोच का है। 10 साल पहले एमएस धोनी, युवराज सिंह, इरफान पठान, हरभजन सिंह, जहीर खान जैसे खिलाड़ी तीनों फॉर्मेट की टीम में हुआ करते थे। खिलाड़ियों को भी अपने शरीर का ध्यान रखना चाहिए और अंधाधुंध तरीके से कोच की बात मानने की बजाए सवाल करने चाहिए। तीनों फॉर्मेट खेलने वाले खिलाड़ियों की टेस्टिंग, स्क्रीनिंग, ट्रेनिंग, ट्रेवल प्लान और खानपान अलग तरह का होता है। इसमें उम्र का भी ध्यान रखना चाहिए। विराट कोहली चार साल पहले जो प्रोसेस अपनाते थे वो आज नहीं कर सकते है।
सहवाग ने भी ट्रेनिंग को लेकर उठाए थे सवाल (Sehwag also raised questions regarding training)
सहवाग ने क्रिकबज पर बात करते हुए कहा था कि भारतीय खिलाड़ियों की समस्या वो चोट है जो उन्हें मैदान पर नहीं लग रही हैं और इस बात पर कोई विशेष ध्यान नहीं दे रहा है। हार्दिक पांड्या गेंदबाजी करते हुए चोटिल हो गए, लेकिन ज्यादातर प्लेयर मैदान के बाहर या फिर जिम में चोटिल हो रहे हैं। रवींद्र जडेजा को हमने मैदान पर चोटिल होते हुए नहीं देखा और मैच के बाद हमें पता चला कि उन्हें इंजरी हुई है। इसका साफ मतलब है कि मैदान के बाहर या फिर जिम में कुछ चीजें ऐसी हो रही है जिस पर ध्यान दिए जाने की जरूरत है।
सहवाग ने आगे कहा, ‘अगर आपके पास दो महीने का ब्रेक है तो फिटनेस महत्वपूर्ण हो जाती है। सहवाग ने सचिन तेंदुलकर का उदाहरण दिया और खुलासा किया कि वह सिर्फ 6-8 किलोग्राम वजन ही उठाते थे, जबकि विराट कोहली जैसे मौजूदा प्लेयर्स 50-60 किलोग्राम वजन उठाने वाले वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर करते हैं।’