दिल्ली के पूर्व कप्तान मिथुन मन्हास का भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) का अगला अध्यक्ष बनना तय है। 45 वर्षीय मिथुन ने कभी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व नहीं किया। वह दुनिया की सबसे शक्तिशाली क्रिकेट बोर्ड का नेतृत्व करने वाले पहले अनकैप्ड क्रिकेटर बनकर इतिहास रच देंगे।
नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि रविवार (21 सितंबर) को समाप्त हो रही है। चुनाव 28 सितंबर को बीसीसीआई की वार्षिक आम बैठक (AGM) में होंगे। हालांकि, जैसा कि 2019 में बीसीसीआई संविधान में संशोधन के बाद से चलन रहा है इस पद के निर्विरोध चुने जाने की उम्मीद है। हाल के वर्षों में, बोर्ड ने लगातार पूर्व क्रिकेटरों को अध्यक्ष पद के लिए प्राथमिकता दी है और मन्हास से पहले सौरव गांगुली और रोजर बिन्नी इस पद पर रह चुके हैं।
कौन हैं मिथुन मन्हास
जम्मू में जन्में मन्हास के पास प्रशासनिक और क्रिकेट दोनों का अनुभव है। वह जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन (JKCA) में प्रशासनिक भूमिका निभा चुके हैं और उन्होंने बीसीसीआई की वार्षिक आम बैठक (AGM) में राज्य का प्रतिनिधित्व भी किया है। मैदान पर उन्हें भारतीय घरेलू क्रिकेट के सबसे भरोसेमंद खिलाड़ियों में से एक माना जाता था।
भारत के लिए नहीं खेल पाए
1997/98 में पदार्पण करने वाले मन्हास, राहुल द्रविड़, सचिन तेंदुलकर, वीवीएस लक्ष्मण और सौरव गांगुली जैसे दिग्गजों के वर्चस्व वाले दौर में दिल्ली के लिए एक स्थिर मध्यक्रम बल्लेबाज रहे, जिसकी वजह से उन्हें भारतीय टीम में जगह नहीं मिल पाई। फिर भी, उन्होंने दिल्ली का शानदार नेतृत्व किया और 2007-08 में उन्हें रणजी ट्रॉफी का खिताब दिलाया। उस सीज़न में उन्होंने 57.56 की औसत से 921 रन बनाए।
विकेटकीपिंग भी कर लेते थे मन्हास
मन्हास दाएं हाथ के बल्लेबाज थे, लेकिन उन्होंने ऑफ-स्पिन गेंदबाजी भी कर लेते थे और विकेटकीपिंग भी कर लेते थे। उनका करियर 157 प्रथम श्रेणी मैचों का रहा। इसमें उन्होंने 45.82 के औसत से 27 शतकों और 49 अर्द्धशतकों की मदद से 9,714 रन बनाए। उन्होंने आईपीएल में दिल्ली डेयरडेविल्स, पुणे वॉरियर्स और चेन्नई सुपर किंग्स के लिए भी खेला।