कोच्चि। भारत के खिलाफ पहले वनडे से पूर्व हड़ताल पर जाने की धमकी देने वाली वेस्टइंडीज क्रिकेट टीम ने आज मैच का बहिष्कार नहीं करने का फैसला किया हालांकि कप्तान ड्वेन ब्रावो ने कहा कि बोर्ड के साथ भुगतान विवाद को लेकर टीम के पास ‘सर्वश्रेष्ठ कार्रवाई ’ का अधिकार है ।

कप्तान ड्वेन ब्रावो के आज टास के लिये पहुंचने के साथ ही इन अटकलों पर विराम लग गया कि कैरेबियाई टीम श्रृंखला का बहिष्कार कर सकती है ।

ब्रावो ने वेस्टइंडीज प्लेयर्स एसोसिएशन के प्रमुख वावेल हाइंड्स को लिखे पत्र में कहा ,‘‘काफी सोच समझकर वेस्टइंडीज के खिलाड़ियों ने भारत के खिलाफ पहला वनडे खेलने का फैसला किया है । इस फैसले के हालांकि यह मायने नहीं निकाले जाने चाहिये कि वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड की अतार्किक शर्तों को मानने के लिये हम राजी हैं और ना ही हम नये सहमति पत्र को स्वीकार कर रहे हैं ।’’

ईएसपीएन क्रिकइन्फो द्वारा प्रकाशित पत्र में उन्होंने लिखा ,‘‘ खिलाड़ी ऐसा कोई समझौता स्वीकारनहीं करेंगे जो उनकी सहमति के बगैर किया गया है । हम इस मामले में स्वतंत्र सलाह लेंगे और सर्वश्रेष्ठ कार्रवाई करेंगे ।’’

ब्रावो ने कहा ,‘‘ हम वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड के सामने रखी गई अपनी बात को दोहराना चाहते हैं कि खिलाड़ियों और बोर्ड के बीच नया करार होने तक हम पुराने ढांचे को ही मानेंगे । इससे बोर्ड या खिलाड़ी कोई भी नुकसान में नहीं रहेंगे क्योंकि दोनों पक्षों की सहमति से यह करार हुआ था ।’’

इससे पहले भारत और वेस्टइंडीज के बीच वनडे श्रृंखला पर खतरे के बादल मंडराने लगे थे जब कैरेबियाई टीम ने भुगतान विवाद को लेकर हड़ताल पर जाने की धमकी दे डाली है ।

वेस्टइंडीज टीम ने कल अभ्यास सत्र , ट्राफी अनावरण समारोह और मैच से पूर्व प्रेस कांफ्रेंस में भी भाग नहीं लिया था । संकट को टालने के लिये बातचीत का दौर जारी था चूंकि खिलाड़ियों को ऐसे करार दिये गए थे जिनसे उनकी तनख्वाह में 75 प्रतिशत की कटौती हो रही थी । खिलाड़ियों को भारत पहुंचने के बाद ये करार दिये गए ।

रिपोर्टो के अनुसार खिलाड़ियों ने दावा किया कि हाइंड्स ने उनके साथ छल किया है और वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड के साथ पिछले महीने नये सहमति पत्र पर हस्ताक्षर करते वक्त उनकी राय नहीं ली । इस सहमति पत्र के तहत उनकी तनख्वाह में भारी कटौती की गई है ।

प्लेयर्स एसोसिएशन और बोर्ड को तल्ख लहजे में लिखे पत्र में टीम के प्रतिनिधि कप्तान ड्वेन ब्रावो ने लिखा ,‘‘ हम साफ तौर पर कहना चाहते हैं कि यदि खिलाड़ियों को मसला अपने हाथ में लेने पर मजबूर किया गया तो हम उचित कार्रवाई करने से नहीं हिचकिचायेंगे । हम आपको और प्लेयर्स एसोसिएशन को दोषी मानते हैं ।’’

उन्होंने कहा ,‘‘ खिलाड़ियों का मानना है कि यह उसूलों का मसला है और हमें ऐसी कोई शर्त नहीं माननी चाहिये । भारत में खिलाड़ी काफी तनाव में है और टीम का मनोबल गिरा हुआ है । हमारा मानना है कि मौजूदा प्लेयर्स एसोसिएशन के कार्यकारी खिलाड़ियों के हितों को सही ढंग से पेश नहीं कर पाये हैं ।’’

खिलाड़ियों का मानना है कि करार के तहत उनकी टेस्ट, वनडे और टी20 फीस में 75 प्रतिशत की कटौती हो जायेगी और इसके लिये उन्हें कोई क्षतिपूर्ति भी नहीं मिलेगी ।