क्रिकेट के गलियारों में इन दिनों ‘बैजबॉल’ चर्चा का विषय है। दरअसल, इंग्लैंड अपने नए मुख्य कोच ब्रेंडन मैकुलम के इस शब्द के साथ अपने टेस्ट क्रिकेट को पुनर्जीवित करने के लिए नए सिरे से प्रयास कर रहा है। ब्रेंडन मैकुलम की मेंटरशिप के तहत, इंग्लैंड की रेड-बॉल क्रांति की शुरुआत टेस्ट सीरीज में न्यूजीलैंड का सूपड़ा साफ करने से हुई। इंग्लैंड ने 5 जुलाई 2022 को बर्मिंघम में शक्तिशाली भारतीय टीम को भी हराया। भारत की हार के बाद, मुख्य कोच राहुल द्रविड़ से ‘बैजबॉल’ पर अपने विचार साझा करने के लिए कहा गया। इस महान क्रिकेटर ने मजेदार जवाब दिया।
भारतीय टीम ने इंग्लैंड के खिलाफ पुर्निर्धारित पांचवां टेस्ट मैच 7 विकेट से गंवा दिया। एजबेस्टन में एक से 5 जुलाई 2022 तक खेले गए इस मैच में शुरुआती 3 दिन टीम इंडिया का दबदबा था। ऐसा लग रहा था कि वह आसानी से यह टेस्ट मैच जीत लेगी, लेकिन चौथे और आखिरी दिन 2 घंटे के खेले में पूरी कहानी बदल गई। इंग्लैंड ने आक्रामक क्रिकेट खेलते हुए न सिर्फ मैच जीता, बल्कि सीरीज भी बराबर की।
‘बैजबॉल’ एक विचार है। ब्रेंडन मैकुलम का निकनेम ‘बैज’ है। इंग्लैंड की आक्रामक नीति उनका ही विचार है। मैकुलम के कोच बनने से पहले इंग्लैंड का प्रदर्शन काफी निराशाजनक था। उनके बाद से टीम ने 4 में से 4 टेस्ट मैच में जीत हासिल की है। टीम इंडिया की हार के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक पत्रकार ने हेड कोच राहुल द्रविड़ से ‘बैजबॉल’ पर अपने विचार रखने को कहा।
पत्रकार ने राहुल द्रविड़ से पूछा,‘‘बैजबॉल, बैजबॉल,’ उसके बारे में सुना है आपने, कई लोगों को लग रहा है कि इससे पूरी क्रिकेट बदल जाएगी। उस दृष्टिकोण से ‘बैजबॉल’ के बारे में आपके क्या विचार हैं।’ इस पर राहुल द्रविड़ थोड़ी देर चुप रहे, फिर मुस्कुराते हुए कहा, ‘मेरे को पता नहीं है, यह क्या है, लेकिन…।’ उनके ऐसा कहते ही प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद सभी लोग हंसने लगे। नीचे आप भी वह वीडियो देख सकते हैं।
हालांकि, बाद में राहुल द्रविड़ ने जवाब पूरा करते हुए कहा, ‘मैं यह जरूर कहूंगा कि उन्होंने जिस तरह की क्रिकेट खेली है, वह वास्तव में शानदार रहा है। इंग्लैंड की टीम लक्ष्य का पीछा करने में बेमिसाल रही है। इंग्लैंड में चौथी पारी में लक्ष्य का पीछा करना कभी आसान नहीं रहा है। आप किसी ब्रांड का क्रिकेट खेलने चाहते हैं यह बहुत सारे खिलाड़ियों पर निर्भर करता है।’
राहुल द्रविड़ ने आगे कहा, ‘मौजूदा समय में वे (इंग्लैंड की टीम) किस तरह की फॉर्म में हैं, यह बात भी मायने रखती है। जब खिलाड़ी अच्छी फॉर्म में होते हैं, तो निश्चित रूप से अधिक सकारात्मक क्रिकेट खेलते हैं। जैसा कि हमने पहली पारी में किया था, जिसमें ऋषभ पंत और रविंद्र जडेजा अच्छा खेल रहे थे।’