सचिन तेंदुलकर और वीरेंद्र सहवाग ने 2002 से 2012 तक 93 बार भारतीय टीम के लिए वनडे में ओपनिंग की। इस दौरान 3919 रन जोड़े थे। सचिन-सहवाग ने 12 बार शतकीय और 18 बार अर्धशतकीय साझेदारी की। सहवाग के मुताबिक, जॉन राइट और सौरव गांगुली की जोड़ी टीम इंडिया में सास-बहू की जोड़ी थी। एक बार सचिन के साथ उन्हें ओपनिंग करने से मना भी कर दिया था। इस पूरे किस्से के बारे में सहवाग ने एक इंटरव्यू में खुलासा किया था।
सहवाग और सचिन ने वियू इंडिया यूट्यूब चैनल के शो What The Duck में विक्रम साठये को दिए इंटरव्यू में इस बारे में विस्तार से बताया था। सहवाग ने कहा, ‘‘मुझे पहली बार सचिन पाजी के साथ ओपनिंग करने का मौका चेन्नई और कानपुर में इंग्लैंड के खिलाफ मिला था। कानपुर में तो हमने 12 या 13 ओवर में 100 रनों की साझेदारी कर दी थी। आपने कहा न कि बीच में हमारी जुदाई क्यों हुई तो वो जो सास-बहू थी हमारी टीम की, जॉन राइट और दादा (सौरव गांगुली)। वो सास-बहू की साजिश थी हमें जुदा करने में। उसके बाद वापिस सास-बहू खुश हुई तो हमने साथ में ओपनिंग की।’’
इसके बाद सचिन और सहवाग 2003 वर्ल्ड कप में साथ में ओपन करने उतरे थे। सचिन ने 2003 वर्ल्ड कप की कहानी सुनाते हुए कहा, ‘‘हमारा न्यूजीलैंड का दौरा कुछ खास नहीं था। मुझे याद है कि वनडे सीरीज के शुरू में मेरा एड़ी घुम गया था। आखिरी तीन वनडे में मैंने 0, 0 और 1 रन बनाए थे। उसके बाद हम दक्षिण अफ्रीका वर्ल्ड कप खेलने गए। वहां पर मैंने दो प्रैक्टिस मैच में चौथे नंबर पर बल्लेबाजी की। इस पर जॉन राइट दबाव में आ गए। वो कह रहे थे हमें कुछ करना पड़ेगा।’’
सचिन ने आगे कहा, ‘‘उसके बाद जॉन राइट शाम को मेरे कमरे में आए और पूछा- आप किस नंबर पर बल्लेबाजी करना चाहते हैं। फिर मैंने कहा कि जहां टीम मैनेजमेंट चाहेगी वहां खेलूंगा। इस पर मैंने कहा कि अगर आप मेरी निजी राय जानना चाहते हैं तो मुझे लगता है कि मुझे ओपनिंग करनी चाहिए।’’ सहवाग ने कहा, ‘‘पहले दो मैच में सचिन और दादा ने ओपनिंग की थी। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हम 120 रन पर आउट हो गए थे। इसके बाद हमारा मुकाबला जिम्बाब्वे से थे। जॉन राइट ने पूरी टीम को एक जगह बुलाया। उन्होंने कहा कि आप अपनी ओपनिंग पेयर के लिए चीट (पर्ची) डालिए। 15 में से 14 लोगों ने सचिन-सहवाग को चुना था।’’