भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व तूफानी ओपनर बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग ने चैंपियंस ट्रॉफी 2025 की शुरुआत से ठीक पहले अपनी पसंदीदा ऑल टाइम बेस्ट वनडे बैट्समैन का चयन किया। अपनी लिस्ट में सहवाग ने टॉप दो पोजीशन पर भारतीय बल्लेबाजों को जगह दी। सहवाग ने क्रिकबज से बात करते हुए चैंपियंस ट्रॉफी में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले क्रिस गेल को अपनी सूची में पांचवें स्थान पर रखा और इस सलामी बल्लेबाज की एक अनोखी खूबी के बारे में बताया जो उन्होंने पहले किसी खिलाड़ी में नहीं देखी थी।
क्रिस गेल को 5वें नंबर पर रखा
सहवाग ने कहा कि क्रिस गेल एक बेहतरीन बल्लेबाज और ओपनर थे। मुझे याद है कि 2002-03 में भारतीय टीम वेस्टइंडीज दौरे पर आई थी और क्रिस गेल ने छह मैचों की सीरीज में तीन शतक लगाए थे। वह पहला खिलाड़ी था जिसे मैंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देखा था जो तेज गेंदबाजों को बैकफुट से छक्के मारता था। सहवाग ने साउथ अफ्रीका के पूर्व धुरंधर बल्लेबाज एबी डिविलियर्स को अपनी लिस्ट में चौथे स्थान पर रखा और टेस्ट और वनडे प्रारूप में 50 की ज्यादा की औसत से रन बनाने वाले एकमात्र खिलाड़ी हैं।
एबी डिविलियर्स को चौथे स्थान पर मिली जगह
सहवाग ने कहा कि मेरी लिस्ट में नंबर 4 पर एबी डिविलियर्स हैं और मुझे उनके खेलने का तरीका बहुत पसंद था। वो एकमात्र ऐसे बल्लेबाज हैं जो ऑफ-बैलेंस होकर छक्के मार सकते हैं। पूर्व भारतीय सलामी बल्लेबाज ने पाकिस्तान के पूर्व कप्तान इंजमाम-उल-हक की प्रशंसा की और उन्हें एशिया के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में से एक करार दिया। सहवाग ने इंजमाम को अपनी लिस्ट में तीसरे नंबर पर जगह दी और कहा कि वो नंबर 4 पर बैटिंग के लिए आते थे और मैच को नियंत्रित करते थे। मैंने उनसे सीखा कि मैच को अंत तक कैसे लेकर जाना है। उस समय एक ओवर में सात या आठ रन का पीछा करना बहुत मुश्किल था, लेकिन इंजमाम मुस्कुराते हुए ऐसा करते थे क्योंकि वह हिसाब लगाते थे कि कब और किसे छक्का मारना है।
कोहली को सहवाग ने बताया नंबर वनडे बल्लेबाज
सहवाग ने अपनी लिस्ट में सचिन तेंदुलकर को दूसरे नंबर पर जगह दी और उनके बारे में कहा कि सचिन तेंदुलकर सबके पसंदीदा और मेरे आदर्श हैं। क्या आपको पता है कि उनके साथ मैदान पर चलना कैसा लगता है? आप शेर के साथ जंगल में जा रहे हैं। सबकी निगाहें शेर पर होती थी और मैं चुपचाप रन बनाता था। सहवाग ने अपनी लिस्ट में पहले नंबर पर विराट कोहली को जगह दी और कहा कि उन्हें चेज मास्टर का टैग दिया गया है। कोहली शुरुआत में वैसे नहीं थे जैसे कि आज हैं। उन्होंने भी अपना समय लिया और बहुत कुछ सीखा और 2011-12 के बाद उनमें काफी बदलाव आ गया। उनकी फिटनेस में और उनकी निरंतरता में साथ ही उन्होंने अद्भुत पारियां खेलीं।