भारत के पूर्व क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग ने इंग्लैंड दौरे के लिए भारत की टेस्ट टीम में श्रेयस अय्यर के नहीं चुने जाने पर सवाल उठाए। बीसीसीआई ने शनिवार को 18 सदस्यीय भारतीय टीम का ऐलान किया और शुभमन गिल को टेस्ट टीम का नया कप्तान बनाया। हालांकि श्रेयस अय्यर 2024 में सबसे लंबे प्रारूप से बाहर होने के बाद टेस्ट टीम में जगह पाने में असफल रहे।

सहवाग ने क्रिकबज पर श्रेयस अय्यर को टेस्ट टीम से बाहर किए जाने के बारे में बात की और बताया कि मुंबई के इस बल्लेबाज को उनकी कप्तानी का भी श्रेय नहीं मिलता है। उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से उन्हें अपनी कप्तानी का भी ज्यादा श्रेय नहीं मिलता है। सहवाग ने कहा कि श्रेयस अय्यर का बतौर कप्तान सीजन अच्छा रहा है तो वह टेस्ट क्रिकेट क्यों नहीं खेल सकते हैं। वो निश्चित रूप से क्रिकेट के तीनों प्रारूप में खेल सकते हैं।

श्रेयस को नहीं मिलता कप्तानी का श्रेय

सहवाग ने जोर देकर कहा कि अय्यर की तेजी से रन बनाने की क्षमता भारत को इंग्लैंड पर दबाव बनाने में मदद कर सकती थी, जो 6-7 रन प्रति ओवर की दर से रन बनाते हैं। उन्होंने कहा कि जब आप अच्छे फॉर्म में होते हैं, तो उन्हें दौरे पर ले जाना अच्छा होता है क्योंकि उनके प्रदर्शन करने की संभावना अधिक होती है। मैं उन्हें टेस्ट टीम में देखना चाहूंगा। अगर वह टेस्ट क्रिकेट में भी यही रवैया अपनाते हैं, तो इससे टीम को फायदा होगा। अगर आपके पास ऐसे 2-3 खिलाड़ी हैं, तो इससे विपक्ष में डर पैदा होता है। इंग्लैंड 6-7 रन/ओवर की दर से खेलता है। अगर भारतीय टीम 4-5 रन/ओवर की दर से भी खेल पाती है, तो वे उन पर दबाव बना सकते हैं।

श्रेयस अय्यर ने 14 टेस्ट मैच खेले हैं और 36.86 की औसत से 811 रन बनाए हैं, जिसमें एक शतक और पांच अर्धशतक शामिल हैं। सफेद जर्सी में उन्होंने भारत के लिए आखिरी मैच फरवरी 2024 में इंग्लैंड के खिलाफ खेला था। दाएं हाथ के इस बल्लेबाज को रणजी ट्रॉफी 2024-25 में अच्छी फॉर्म में देखा गया था, क्योंकि उन्होंने मुंबई के लिए सात पारियों में 68.57 की औसत और दो शतकों के साथ 480 रन बनाए थे।