भारतीय क्रिकेट टीम के दिग्गज बल्लेबाज विराट कोहली के करियर में कई ऐसे किस्से दर्ज हैं, जब उन्होंने मैदान पर अपने खेल और जज्बे से विरोधियों को जवाब दिया। साल 2014-15 के ऑस्ट्रेलिया दौरे के दौरान भी एक ऐसा ही वाकया हुआ, जब कोहली ने अपने बल्ले और तीखे जवाब से ऑस्ट्रेलियाई डेब्यू बल्लेबाज जो बर्न्स को चुप करा दिया। यह घटना मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड (MCG) पर खेले गए बॉक्सिंग डे टेस्ट की है, जिसे खुद बर्न्स ने हाल ही में याद किया।

बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2014-15 और कोहली का उदय

भारत का यह दौरा कई मायनों में खास रहा। उसी दौरान कोहली टेस्ट क्रिकेट में भारत के असली अगुआ बनकर उभरे। पहले टेस्ट से ही कप्तानी की जिम्मेदारी उनके कंधों पर आ गई थी क्योंकि नियमित कप्तान महेंद्र सिंह धोनी चोट के कारण बाहर थे। बाद में धोनी ने बॉक्सिंग डे टेस्ट के बाद अचानक संन्यास की घोषणा कर दी।

BCCI ने तोड़ी चुप्पी, रोहित शर्मा के बाद श्रेयस अय्यर को भारतीय वनडे टीम की कप्तानी मिलने की खबरों पर दी सफाई

इस बीच कोहली ने अपने प्रदर्शन और आक्रामक रवैये से यह साबित कर दिया कि वह भारतीय टीम के भविष्य के लीडर बनने जा रहे हैं। बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2014-15 में कोहली ने ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों की स्लेजिंग का उसी अंदाज में जवाब दिया, लेकिन मेलबर्न में टेस्ट डेब्यू करने वाले जो बर्न्स के लिए यह अनुभव अलग ही रहा।

जब कोहली ने बंद के जो बर्न्स की बोलती

ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज जो बर्न्स, जो इस समय इटली की राष्ट्रीय टीम की कप्तानी कर रहे हैं। उन्होंने हाल ही में इटली को टी20 विश्व कप के लिए क्वालिफाई कराया। जो बर्न्स के हवाले से क्रिकट्रैकर ने लिखा, ‘मैं बॉक्सिंग डे पर एमसीजी में खेले गए अपने पहले टेस्ट मैच में 24 साल का था। मैं बैट-पैड (बल्लेबाज के पास) पर फील्डिंग कर रहा था। मुझे पूरा यकीन है कि विराट ने उस दिन 100 रन बनाए होंगे। लेकिन थोड़ी-बहुत बहस जरूर हुई।’

बर्न्स ने कहा, ‘स्लेजिंग नहीं, बस जाहिर है कि हमने स्टम्प के पीछे हैडजी (ब्रैड हैडिन) को रखा था और वाटो (शेन वॉटसन) पहली स्लिप पर थे। नाथन लियोन गेंदबाजी कर रहे थे, इसलिए मैं पास में था। मुझे लगता है चार घंटे हो गए थे। मैंने एक शब्द भी नहीं कहा था। मुझे लगता है कि मैंने बस एक लाइन कही थी। मुझे लगता है मैंने उससे कहा था, ‘विराट, तुम्हें कुछ शॉट खेलने होंगे।’

उस घटना को याद करते हुए जो बर्न्स ने बताया कि उन्होंने पहली पारी में करीब चार घंटे तक कुछ नहीं बोला था, लेकिन अचानक एक लाइन बोल दी। इसके बाद कोहली ने बल्लेबाजी रोक दी। गेंदबाज नाथन लियोन को रोका और उनकी ओर मुड़कर कहा, ‘तुम बात मत करो, नौसिखिए।’ अगली ही गेंद पर कोहली ने शानदार कवर ड्राइव खेला और रन बटोरे। जो बर्न्स के मुताबिक, यह उनके लिए बेहद शर्मनाक पल था।

जो बर्न्स ने कहा, ‘अगली गेंद का सामना उन्होंने ऊपर की ओर किया और कवर्स के ऊपर से गेंद को जोर से मारा। यह मेरे लिए बहुत शर्मनाक था। उसके बाद अगले चार दिन तक मैंने कुछ नहीं कहा, लेकिन इससे मुझे अहसास हुआ कि विराट से पंगा नहीं लिया जा सकता। मुझे लगता है कि एक 24 साल के डेब्यू खिलाड़ी के तौर पर, उस समय विराट से कुछ भी कहना सही नहीं था।’

शानदार फॉर्म और नेतृत्व की झलक

उस पारी में कोहली ने 169 रन बनाए और पूरी सीरीज में 692 रन ठोके, जिसमें चार शतक शामिल थे। यही वह दौरा था जिसने उन्हें भारतीय टेस्ट टीम का अगला लीडर बना दिया। जो बर्न्स का मानना है कि कोहली ने भारतीय टीम की खेल शैली को बदलने में अहम भूमिका निभाई।

जो बर्न्स ने बताया, ‘विराट कोहली कभी पीछे नहीं हटते। जैसा कि मैंने पहले कहा, उन्होंने वास्तव में उस टीम की पहचान बनाई। मुझे लगता है कि अब जब वह टीम में नहीं हैं, तब भी आप देख सकते हैं कि भारत जिस तरह से खेलता है, वह वास्तव में उन नींवों पर आधारित है जो विराट ने कई वर्षों पूर्व रखी थीं। वह हमेशा एक बहुत ही जबरदस्त प्रतियोगी रहे हैं। मैंने मैदान पर उनकी तरफ देखने की कोशिश नहीं की।’

जो बर्न्स ने कहा, ‘मैं उनसे बात नहीं करना चाहता था, क्योंकि मुझे पता था कि इससे उन्हें वास्तव में प्रेरणा मिलती है। मुझे लगता है कि आप इस तथ्य को भी ध्यान में रखते हैं कि वह एक विश्व स्तरीय बल्लेबाज हैं, सर्वकालिक महानतम बल्लेबाजों में से एक। यह एक बेहतरीन संयोजन है। जैसा कि मैंने कहा, इसने वास्तव में भारतीय क्रिकेट टीम की पहचान स्थापित की।’