हिंदू धर्म में एकादशी का दिन बेहद ही खास होता है। इस दिन लोग व्रत रखते हैं और भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करते हैं।
इस दिन का व्रत बेहद फलदायी बताया गया है। लेकिन मान्यता है कि एकादशी के दिन चावल नहीं खाना चाहिए।
शास्त्रों के अनुसार उन लोगों का नरकगामी कहा जाता है जो इस दिन चावल का सेवन करते हैं।
एकादशी के दिन चावल को खाना मांस के सेवन के बराबर माना गया है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार एकादशी के दिन चावल का सेवन करने वाला इंसान मृत्यु के बाद अगले जन्म में रेंगने वाले जीव के रूप में जन्म लेता है।
वहीं, विष्णु पुराण के अनुसार चावल को हविष्य अन्न (देवताओं का भोजन) कहा जाता है जिसके चलते इस दिन देवी-देवताओं के सम्मान में चावल का सेवन वर्जित है।
विज्ञान के नजरिए से देखें तो चावल में पानी की मात्रा अधिक होती है। पानी पर चंद्रमा का अधिक प्रभाव होता है। इसी कारण मन का कारक चंद्रमा व्यक्ति के मस्तिष्क और हृदय को प्रभावित करता है।
चंद्रमा के प्रभाव से एकादशी के दिन चावल के सेवन से मानसिक और हृदय संबंधी बीमारियां हो सकती हैं।