भारतीय टीम के पूर्व कप्तान विराट कोहली 12 साल बाद रणजी ट्रॉफी खेलने वाले हैं। वह 30 जनवरी से दिल्ली के अरुण जेटली स्टेडियम में रेलवे के खिलाफ मैच खेलते दिखेंगे। इससे पहले विराट कोहली ने दिल्ली की टीम के साथ मंगलवार (28 जनवरी) को अभ्यास किया। कोहली अपनी काली पोर्श कार में स्टेडियम पहुंचे। तेज गेंदबाज नवदीप सैनी को छोड़कर दिल्ली की टीम के अन्य सभी 18 सदस्यों ने उन्हें केवल टीवी पर देखा था। वे यह कहानियां सुनते हुए बड़े हुए कि कैसे ‘चीकू’, एक प्रतिभावान खिलाड़ी इंडियन क्रिकेट का ‘किंग’ बन गया।

पिछले 15 सालों में दिल्ली का ‘चीकू’ एक धुंधली याद बनकर रह गया है। अब वह क्रिकेट वर्ल्ड सबसे बड़ा ब्रांड है। वह एक ऐसा चेहरा है, जिसका इस्तेमाल आईसीसी ने अपने ओलंपिक बिड के लिए किया। कोहली मंगलवार को अपने घरेलू मैदान पर लगभग तीन घंटे तक रहे। चाहे युवा खिलाड़ी हों या मुख्य कोच सरनदीप सिंह या बल्लेबाजी कोच बंटू सिंह हर कोई उनके करीब रहना चाहता था। कोहली सभी के साथ काफी विनम्र रहे। वह अपने पूर्व अंडर-19 कोच महेश भाटी के साथ अधिक सहज दिखे, जो इस टीम के प्रशासनिक प्रबंधक भी हैं।

छोले पूरी नहीं खाऊंगा

दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (DDCA) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पीटीआई को बताया, “वो बदला नहीं है। उसको छोले-पूरी पसंद हैं और हमने मंगाके रखा था। उसने बोला छोले पूरी नहीं खाऊंगा। अभ्यास के बाद पुराने समय की तरह कढ़ी चावल खाया सबके साथ।” हर कोई इस आइकन के पीछे ऐसे पड़ा था जैसे यह कोई इवेंट हो। रणजी ट्रॉफी के मैचों को घरेलू क्रिकेट के कुछ चुनिंदा प्रशंसक ही फॉलो करते हैं, लेकिन मंगलवार को यह संख्या बढ़ गई।

‘मामा ने बताया कोहली का नाम चीकू कैसे पड़ा

‘किंग’ के हर हरकत पर निगाहें थीं। दो कोच सरनदीप और बंटू पूरे समय उनके साथ थे और फोटोग्राफर्स या वीडियोग्राफर्स के लिए उन्हें फ्रेम से एडिट करना मुश्किल था। प्यार से ‘मामा’ कहे जाने वाले डीडीसीए सचिव अशोक शर्मा ने याद करते हुए बताया कि कैसे कोहली का नाम ‘चीकू’ पड़ा। उन्होंने कहा, “मुझे याद है कि दिल्ली रणजी टीम के तत्कालीन मैनेजर अजीत चौधरी ने 2006-07 में उनका नाम ‘चीकू’ रखा था।” मामा ने इसे ऐसे बयां किया जैसे यह कल की ही बात हो। उन्होंने कोहली को तब से देखा है जब वह पहली बार अंडर-15 ट्रायल के लिए यहां आए थे। दिल्ली की नेट प्रैक्टिस के बाद यह 8 साल का बच्चा छा गया है। पूरा माजरा जानने के लिए क्लिक करें