टीम इंडिया ने 16 अगस्त 2021 की रात इंग्लैंड को लॉर्ड्स में 151 रन से हरा दिया। टीम इंडिया की 89 साल में लॉर्ड्स के मैदान पर यह तीसरी जीत है। इस जीत के साथ ही विराट कोहली, कपिल देव और महेंद्र सिंह धोनी के क्लब में शामिल हो गए। कोहली से पहले भारत ने कपिल और धोनी की कप्तानी में ही लॉर्ड्स में टेस्ट में जीत हासिल की थी।
कपिल देव की अगुआई में भारत ने 1986 में पहली बार लॉर्ड्स में टेस्ट क्रिकेट में इंग्लैंड को हराया था। इसके बाद 2014 में एमएस धोनी के नेतृत्व में भारत ने इंग्लैंड को लॉर्ड्स पर हराया। अब विराट कोहली ने वही कारनामा कर दिखाया। यही नहीं, विराट कोहली इस जीत के साथ टेस्ट क्रिकेट में बतौर कप्तान सबसे ज्यादा मैच जीतने वालों की सूची में चौथे नंबर पर पहुंच गए। उन्होंने वेस्टइंडीज को दो बार वर्ल्ड चैंपियन बनाने वाले कप्तान यानी क्लाइव लायड को पीछे छोड़ा।
लायड ने अपने करियर में 74 टेस्ट मैच में वेस्टइंडीज की कप्तानी की थी। इनमें से वेस्टइंडीज ने 36 टेस्ट मैच अपने नाम किए थे। विराट कोहली टेस्ट क्रिकेट में अब तकत 63 मैच भारत की अगुआई कर चुके हैं। इनमें भारत ने 37 टेस्ट मैच में जीत हासिल की है। टेस्ट क्रिकेट में बतौर कप्तान सबसे ज्यादा मैच जीतने का रिकॉर्ड दक्षिण अफ्रीका के ग्रीम स्मिथ के नाम है।
स्मिथ ने 109 टेस्ट में अपने देश की अगुआई की। इनमें से 53 में उनकी टीम ने जीत हासिल की। दूसरे नंबर पर रिकी पोंटिंग हैं। पोंटिंग ने 77 टेस्ट मैच में ऑस्ट्रेलिया की कमान संभाली। इनमें से ऑस्ट्रेलिया 48 में जीता। तीसरे नंबर पर ऑस्ट्रेलिया के ही पूर्व कप्तान स्टीव वॉ हैं। स्टीव वॉ ने 57 टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया का नेतृत्व किया। इनमें से 41 मैच में उनकी टीम ने जीत हासिल की।
यही नहीं इस हार के साथ इंग्लैंड के कप्तान जो रूट के नाम भी अनचाहा रिकॉर्ड जुड़ गया। रूट ने अब तक 22 टेस्ट शतक लगाए हैं। इस मैच में भी उन्होंने शतक लगाया। हालांकि, इस मैच से पहले ऐसा कभी नहीं हुआ था कि उनके शतक लगाने के बावजूद टीम हार गई हो।
इससे पहले उन्होंने जो 21 शतक लगाए थे, उनमें से इंग्लैंड ने 16 टेस्ट में जीत हासिल की थी और 5 मैच ड्रॉ पर छूटे थे। यह पहला टेस्ट है, जब रूट के शतक लगाने बावजूद इंग्लैंड ने मैच गंवा दिया। इससे पहले यह अनचाहा रिकॉर्ड गैरी सोबर्स के नाम था। गैरी सोबर्स के शुरुआती 20 शतक में वेस्टइंडीज की टीम अजेय रही थी।
टेस्ट क्रिकेट इतिहास में भारतीय स्पिनर्स लगातार दो टेस्ट मैच में अपने देश के लिए एक भी विकेट नहीं ले पाए। इससे पहले सचिन तेंदुलकर की अगुआई में पाकिस्तान के खिलाफ 1989/90 में ऐसा हुआ था, तब भारतीय स्पिनर्स सीरीज के शुरुआती दो टेस्ट मैच (कराची और फैसलाबाद) में एक भी विकेट हासिल नहीं कर पाए थे।