ओलंपियन और पूर्व पहलवान दिनेश फोगाट ने बड़ा खुलासा किया। कांग्रेस के टिकट पर हरियाणा विधानसभा क्षेत्र जुलाना से ताल ठोक रहीं विनेश फोगाट ने लल्लनटाप से बातचीत में कहा कि एक समय उन्होंने और उनके साथियों ने देश छोड़ने का फैसला कर लिया था, लेकिन फिर प्रियंका गांधी के दो शब्दों में उन लोगों के फैसले को बदल दिया।

बातचीत के दौरान एंकर ने जब उनसे कहा कि बृजभूषण शरण सिंह हमेशा आपकी आलोचना करते रहे हैं। यहां तक कि जब आप पेरिस ओलंपिक में डिस्क्वालिफाई हुईं थीं और देश का एक मेडल चला गया, तो क्या आपको कोई अफसोस है तो उन्होंने कहा था कि नहीं, मुझे कोई अफसोस नहीं है। वह पहले से ड्रामा किया गया था। इसके बाद जब आपका टिकट हो गया तब वह बार-बार पुख्ता तौर पर यह कहने लग गए कि यह तो दीपेंदर हुड्डा का पहले से प्लान था। हमारे पास प्रोटेस्ट करवाया। इनको पॉलिटिक्स में लेकर आना था। ये लड़कियों की कोई लड़ाई नहीं लड़ रहे थे। ये अपने लिए जगह बना रहे थे।

BJP के 2 नेताओं ने ली थी धरने की परमीशन: विनेश फोगाट

इस पर विनेश फोगाट ने कहा, ‘नहीं, देखिये। पहली बात तो जब हम जंतर-मंतर पर बैठे थे, जो परमीशन ली गई थी, वह कांग्रेस ने नहीं ली थी। बीजेपी के दो नेताओं ने ली थी।’ हालांकि, जब उनसे दोनों नेताओं के नाम पूछे गए तो उन्होंने कहा कि मैं नाम नहीं लूंगी, आप सोशल मीडिय पर सर्च कर सकते हैं। हर जगह मिलेगा। हालांकि, इतना जरूर बताया कि दोनों नेता हरियाणा के हैं। विनेश फोगाट ने कहा, ‘दूसरी बात। परमात्मा और लोगों के आशीर्वाद से हमने इतना नाम कमा रखा था कि अगर हम राजनीति में आना चाहते तो ऐसे भी हमें कोई भी पार्टी मना नहीं करती।’

हम साफ-सुधरी पॉलिटिक्स कर सकते थे: विनेश फोगाट

विनेश फोगाट ने कहा, ‘कोई भी लड़की… लड़की तो छोड़ो लड़का भी नहीं, लड़की तो बहुत ही एक सेंसटिव चीज है, लड़का भी कोई ऐसे सड़कों पर बैठकर और इन चीजों को हथियार बनाकर, कोई लड़की… अपने कपड़े फाड़कर… उधर हमारे बाल नोचे जा रहे हैं, उधर हम अपनी अच्छी खासी फैमिली को छोड़कर… हम तो ठीक कमा रहे थे… ठीक हमारा नाम था, ठीक पैसा था.. सबकुछ था हमारे पास में… फिर हम जंतर-मंतर पर जाकर… बारिश में उधर… करंट लग रहा है… बिजलियां गिर रही हैं… कभी हमारा टेंट गिर रहा है… उस चीज में जाने की क्या जरूरत थी।’

विनेश फोगाट ने कहा, ‘हम साफ-सुधरी पॉलिटिक्स कर सकते थे। पॉलिटिक्स के लिए… हम उस गंदी सोच तक… हम उस लेवल तक नहीं गिर सकते हैं… जितना ये लोग गिर रहे हैं। तो हर चीज को डायवर्ट करना… फिर हम जब बैठे थे तो बोले थे कि यह तो ट्रायल नहीं देना चाहती। ये बच्चों का हक खाना चाहते हैं। ये नेशनल नहीं खेलना चाहते। मैं नेशनल खेली। मैंने ट्रायल भी दिया। मैं ओलंपिक्स तक चली गई। फिर भी बोल रही कि ओलंपिक्स तक भी ड्रामे करके चली गई… तो फिर आपकी सरकार कहां सो रही थी।’

अगर मैं इतनी ही तगड़ी थी तो बृजभूषण को क्यों नहीं अंदर डाल पाई: विनेश फोगाट

विनेश फोगाट ने कहा, ‘मेरी अगर इतनी ही चलती… अगर मैं इतनी ही तगड़ी थी अपने हिंदुस्तान में… तो सबसे पहले तो मैं बृजभूषण को जेल के अंदर डालती। अगर मेरे में इतनी पावर थी… मैं ओलंपिक्स तक चीटिंग करके चली गई तो बृजभूषण को क्यों नहीं अंदर डाल पाई… तो मेरे को रोकने का हरसंभव प्रयास किया गया है। बजरंग पर दो-चार साल का बैन लगाया गया है। उसने क्या गलत किया था। कितने खिलाड़ी हैं जो डोप टेस्ट दिये बिना भाग जाते हैं। उसने तो सवाल पूछे थे ना। उसका जवाब दिये बिना उस पर डोप में बैन लगा दिया, क्योंकि उन्हें ये पता है तो अगर ये खेलेंगे तो ये जीतेंगे। मेहनती लोग हैं, मेहनतकश परिवार से आते हैं। संघर्ष से हम यहां तक आए हैं। उनको पता है, इनको संघर्ष का भी मौका दोगे तो ये उसमें भी खेलकर निकलेंगे, इसलिए वे संघर्ष से भी रोकना चाहते हैं।’

प्रियंका गांधी के 2 शब्द सभी के अंदर बैठ गए: विनेश फोगाट

जब आप सड़क पर थीं और तिरंगा आपके हाथ में था, उस समय आपकी क्या फीलिंग थी? क्या उस समय सोच लिया था कि पॉलिटिक्स में जाकर लड़ाई लड़नी है या उस समय इमोशनल ब्रेक डाउन था? इस सवाल विनेश फोगाट ने कहा, ‘सच्चाई बताऊं? देश छोड़ने की सोच ली थी हमने… कि इस देश को छोड़कर जाना है। हमने बातें भी स्टार्ट कर दी थीं। हमने लोगों से भी बात कर ली थी। सब बातें हो चुकीं थीं। हम जाने के लिए लगभग तैयार थे। इस देश में हमारा कुछ नहीं बचा हमारा, निकलो अब यहां से… लेकिन परमात्मा कई बार कुछ लोगों से ऐसे समय मिला देता है कि वे आपको दो शब्दों में वह हिम्मत दे देते हैं जो कोई नहीं दे सकता। उस समय हम प्रियंका गांधी जी से मिले। उन्होंने दो शब्द जो बोले वे सब के अंदर बैठ गए। उसके बाद हमने तय किया कि देश में रहकर ही लड़ाई लड़नी है।’