रविवार 11 फरवरी 2024 की रात भारत को ऑस्ट्रेलिया के हाथों आईसीसी टूर्नामेंट के एक और फाइनल में हार झेलनी पड़ी। यह लगातार तीसरा मौका है, जब भारतीय टीम आईसीसी के किसी टूर्नामेंट के फाइनल में ऑस्ट्रेलिया के हाथों हारी है। आईसीसी टूर्नामेंट के फाइनल में सिर्फ दो ऐसे कप्तान हैं जिनकी अगुआई में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को हराया है। हालांकि, उन दोनों में से एक सीनियर लेवल पर डेब्यू नहीं कर पाया, जबकि दूसरा पिछले तीन साल से टीम (प्लेइंग इलेवन) में जगह नहीं बना पाया है। जी हां, हम बात कर रहे हैं उन्मुक्त चंद और पृथ्वी शॉ की।
भारतीय क्रिकेट से संन्यास ले चुके हैं उन्मुक्त चंद
उन्मुक्त चंद ने भारतीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया है। वह अब अमेरिका के लिए खेलते हैं। टी20 विश्व कप 2024 में वह अमेरिकी टीम का हिस्सा होंगे। उन्मुक्त चंद की अगुआई में भारत ने अगस्त 2012 में ऑस्ट्रेलिया को आईसीसी अंडर-19 विश्व कप फाइनल में 14 गेंदें शेष रहते हुए 6 विकेट से हराया था। उन्मुक्त चंद ने उस मैच में 111 रन की नाबाद पारी खेली थी।
उन्मुक्त ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ Final में लगाया था शतक
उन्मुक्त चंद की पारी की बदौलत ही भारत 226 रन के लक्ष्य को 47.4 ओवर में 4 विकेट के नुकसान पर हासिल कर पाया था। लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारत ने एक समय 97 के स्कोर पर 4 विकेट गंवा दिए थे, लेकिन उसके बाद उन्मुक्त चंद और स्मित पटेल ने पांचवें विकेट के लिए 130 रन की नाबाद साझेदारी कर भारत को चैंपियन बनाया था। स्मित पटेल 62 रन बनाकर नाबाद रहे थे। स्मित पटेल भी अब अमेरिका बस गए हैं। वह अमेरिका की कई टीमों की ओर से खेल चुके हैं। उनके टी20 विश्व कप 2024 में राष्ट्रीय टीम में भी चुने जाने की संभावना है।

पृथ्वी शॉ की अगुआई में ऑस्ट्रेलिया को हरा चैंपियन बना था भारत
अब बात पृथ्वी शॉ की। पृथ्वी शॉ की अगुआई में भारत ने फरवरी 2018 में न्यूजीलैंड के माउंट माउनगानुई में ऑस्ट्रेलिया को 67 गेंदें शेष रहते 8 विकेट से हराया था। पृथ्वी शॉ ने उस मैच में 29 रन की पारी खेली थी, जबकि उनके साथी ओपनर मनजोत कालरा ने नाबाद 101 रन बनाए थे। शुभमन गिल 31 रन बनाकर आउट हुए थे। हार्विक देसाई ने नाबाद 47 रन बनाए थे।

3 साल से प्लेइंग इलेवन में जगह नहीं बना पाए पृथ्वी शॉ
पृथ्वी शॉ के सीनियर लेवल पर अंतरराष्ट्रीय करियर की बात करें तो उन्होंने अक्टूबर 2018 में राजकोट में वेस्टइंडीज के खिलाफ अपना पहला टेस्ट मैच खेला था। उस मैच में पृथ्वी शॉ ने शतक लगाया था। उन्होंने पांच फरवरी 2020 में हैमिल्टन में न्यूजीलैंड के खिलाफ मैच से वनडे करियर की शुरुआत की। उन्होंने 25 जुलाई 2021 में कोलंबो में श्रीलंका के खिलाफ मैच से टी20 इंटरनेशनल में डेब्यू किया।
टी20 इंटरनेशनल डेब्यू पर पृथ्वी हुए थे गोल्डन डक
हालांकि, इसके बाद वह अब तक एक भी टी20 इंटरनेशनल मैच में भारत की प्लेइंग इलेवन का हिस्सा नहीं बन पाए। वह आखिरी बार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस मैच में खेले भी थे। पृथ्वी शॉ उस मैच में गोल्डन डक हुए थे। खास यह है कि पिछले 3 साल के दौरान पृथ्वी शॉ ने घरेलू स्तर पर कई रिकॉर्ड अपने नाम किए। इसके बावजूद वह टीम मैनेजमेंट का विश्वास नहीं जीत पाए।