साल 2004 में हॉलीवुड फिल्म ‘द टर्मिनल’ रिलीज हुई थी। फिल्म में टॉम हैंक्स ने विक्टर नवरोस्की का किरदार निभाया था। फिल्म में विक्टर नवरोस्की अमेरिकी के जॉन कैनेडी एयरपोर्ट पर फंस जाते हैं। दरअसल, उन्हें अमेरिका में एंट्री नहीं मिलती है और ना ही उन्हें स्वदेश लौटने दिया जाता है। फिल्म में वह सैन्य तख्तापलट का हिस्सा थे। यह कहानी फिल्मी है, लेकिन घाना के एक फुटबॉलर के साथ असल जिंदगी में ऐसा ही हुआ है। हालांकि, वह किसी सैन्य तख्तापलट का हिस्सा नहीं थे, लेकिन उन पर लॉकडाउन की मार पड़ी।

घाना के फुटबॉलर रैंडी जुआन मुलर लॉकडाउन के चलते 74 दिन तक मुंबई हवाई अड्डे पर फंसे रहे। हालांकि, अब उन्हें महाराष्ट्र के पर्यटन मंत्री और सूबे के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे की मदद से एक होटल में रहने को मिल गया है। अब वह अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट शुरू होने के इंतजार में हैं, ताकि स्वदेश लौट सकें। मुलर ने इस मदद के लिए आदित्य ठाकरे और युवा सेना के पदाधिकारी राहुल कनाल को धन्यवाद अदा किया है। उन्होंने कहा, ‘धन्यवाद आदित्य ठाकरे, राहुल कनाल। आपका बहुत-बहुत शुक्रिया।’

मुलर केरल में एक क्लब के लिए खेलने भारत आए थे। उनको केन्या एयरवेज के विमान से स्वदेश लौटना था। लेकिन लॉकडाउन लागू हो गया। इस कारण वह मुंबई हवाई अड्डे पर ही फंस गए। कनाल ने बताया, ‘मुलर ने मुझे बताया कि हवाई अड्डे के कर्मचारियों ने उनकी बहुत मदद की। मुलर हवाई अड्डे के कृत्रिम उद्यानों में अपना समय बिताते थे। किसी तरह स्टाल से खाना खरीदते थे। हवाई अड्डे के कर्मचारियों के साथ अपना समय गुजारते थे।’


मीडिया रिपोर्ट्स की रिपोर्ट के मुताबिक, जब उनके पास पैसे नहीं बचे तब एयरपोर्ट स्टाफ ने उनकी मदद की। एयरपोर्ट स्टाफ उन्हें खाने के लिए समोसा और चटनी देता था। साथ ही कई यात्रियों ने उन्हें अपनी ओर से किताबें भी दी। मुलर उनको पढ़कर अपना वक्त गुजार रहे थे। इस बीच, एक ट्विटर यूजर ने फुटबॉलर की दुर्दशा देखी। उसने इस ओर आदित्य ठाकरे का ध्यान दिलाया। इसके बाद कनाल ने उन्हें एक होटल पहुंचाने में मदद की।