भारतीय टेस्ट क्रिकेट टीम के पूर्व ओपनर आकाश चोपड़ा ने न्यूजीलैंड के खिलाफ टीम इंडिया की ओर से की गई 5 महत्वपूर्ण गलतियों का उजागर किया है। उन्होंने यह भी कहा कि न्यूजीलैंड के खिलाफ पांच साल जहां खड़े थे। वहीं आज भी खड़े हैं। 2016 टी20 वर्ल्ड कप में न्यूजीलैंड ने भारत को उसके पहले मैच में हरा दिया था। उस मैच में न्यूजीलैंड के ईश सोढ़ी ने 18 रन देकर 3 और मिशेल सैंटनर ने 11 रन देकर 4 विकेट लिए थे।
उस मैच में हार के कारण भारतीय टीम सुपर-10 के ग्रुप 2 (Super 10 Group 2) में दूसरे नंबर पर रही थी। सेमीफाइनल में उसे वेस्टइंडीज ने 7 विकेट से हरा दिया था। आकाश चोपड़ा ने अपने यूट्यूब चैनल पर कहा, ‘पहले भी ईश सोढ़ी और मिशेल सैंटनर ने हमें लगभग बाहर का रास्ता दिखा दिया था। पांच साल के बाद भी हम वहीं के वहीं खड़े हैं। वे बॉलर्स तो अनुभवी हो गए, लेकिन हम वहीं के वहीं अटके हुए हैं, फिर चाहे वह मिशेल सैंटनर हों, ईश सोढ़ी हों।’
आकाश चोपड़ा ने सैंटनर और सोढ़ी के लिए कहा, ‘दोनों ने 8 ओवर में 38 के करीब रन दिए। यदि हम स्पिन अच्छी नहीं खेलेंगे। हम सिंगल्स नहीं चला सकते। हम चौके नहीं मार सकते। यदि स्पिन हमें पकड़ कर रख देगी तो फिर बात ही अलग है। यह तो पिच भी शारजाह जैसी नहीं थी, दुबई की पिच थी। शारजाह में हम कहीं स्पिन खेलें, अबुधाबी में स्पिन खेलें, जहां गेंद सबसे ज्यादा टर्न हो रही है। तब तो हालत बहुत पतली हो जाएगी। स्पिन के खिलाफ एक भी चौका नहीं लगना, क्या कहा जा सकता है?’
आकाश चोपड़ा ने रोहित शर्मा को फर्स्ट डाउन पर भेजने पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा, ‘ट्रेंट बोल्ट के सामने आप रोहित शर्मा को नहीं लाना चाहते। लेफ्ट-राइट मैच अप के चलते आपने अपने सबसे बड़े मैच विनर को नीचे भेज दिया। मतलब आपने एक जो सेट बैटिंग ऑर्डर था, आपकी जो तिमूर्ति थी, एक मैच की हार के चलते, आपने उसको बदल दिया। यह बुनियादी गलती है। इस बात को आप न्यायसंगत नहीं कह सकते। मुझे लगता है कि यह गलत है।’
पूर्व टेस्ट ओपनर ने तीसरी कमी बताते हुए कहा, ‘सामने वाली टीम ने 3 बॉलर्स टिम साउदी, एडम मिल्ने, ट्रेंट बोल्ट का इस्तेमाल किया। तीनों ने लगातार छोटी गेंदबाजी कर भारतीय बल्लेबाजों को बैकफुट पर रखा। 50-55% गेंदें कमर के आसपास की थीं। उसका जवाब हमारे पास नहीं था। इसी वजह से सभी खिलाड़ी डीप में आउट हुए।’
आकाश चोपड़ा ने आगे कहा, ‘चौथी बात इंटेंसिटी या फिर डिपिंडेंस की कमी की है। जब भारतीय टीम मैदान पर उतर रही थी तो ऐसा लगा कि हेजिटेंट (दुविधा में पड़ी हुई) है। बेबाक, बेखौफ, बिंदास बिल्कुल भी नहीं है। अगर आप वैसे नहीं होते तो फिर मुश्किल होती है। वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम आप तभी बन सकते हैं, जब उस अंदाज में खेलें।’
उन्होंने कहा, ‘पांचवीं बात है, बॉलिंग। भारतीय बॉलिंग वाली में वह पैनापन नजर नहीं आया। गेंदबाजी में हल्कापन नजर आया। यह बात मैं इसलिए कह रहा हूं, क्योंकि पहले मैच में आपने 150 बनाए थे। वहां पर आप एक भी विकेट नहीं चटका पाए। दूसरे मैच में आपके पास रन कम थे, लेकिन आपने सिर्फ 2 विकेट चटकाए। वेस्टइंडीज जब 55 रन पर ऑलआउट हुई थी, तब उसने भी इंग्लैंड के 4-5 विकेट गिरा लिए थे। बॉलिंग में जो शॉर्पनेस वह नजर नहीं आई।’