टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर सुरेश रैना को वर्ल्ड कप 2011 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ क्वार्टर फाइनल और पाकिस्तान के खिलाफ सेमीफाइनल में शानदार पारी खेलने के लिए हमेशा याद किया जाएगा। इंडियन प्रीमियर लीग के सबसे सफल बल्लेबाजों की गिनती होगी तो बाएं हाथ के इस बल्लेबाज का नाम जरूर लिया जाएगा। इसके अलावा वह कई बार बेहतरीन फील्डिंग से मैच का रुख पलट देते थे। हालांकि, रैना का करियर काफी उतार चढ़ाव भरा रहा।
साल 2005 में रैना ने इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू किया था। इसके दो साल बाद ही उनका करियर खत्म होने के कगार पर पहुंच गया था। उनके घुटने में चोट लगी, जिसके कारण उन्हें छह महीने तक बिस्तर पर रहना पड़ा। इस चोट के कारण उन्हें भारत की 2007 टी20 विश्व कप टीम में नहीं चुना गया था। बाएं हाथ के बल्लेबाज ने बताया है कि कैसे वह मुश्किल घड़ी से उभरे। उन्हें डर लगता था कि वह मैदान पर वापसी कर पाएंगे या नहीं।
मानसिक तनाव रैना पर पड़ा रहा था भारी
जियो सिनेमा पर होम ऑफ हीरोज शो में सुरेश रैना ने कहा, ” जब मैं घायल हुआ तो शारीरिक से ज्यादा मानसिक तनाव मुझ पर भारी पड़ रहा था। मेरे परिवार ने मुझसे रिकवरी पर ध्यान केंद्रित करने और मैंने जो कर्ज लिया था उसके बारे में चिंता न करने के लिए कहा था। दूसरी बात जो मुझे परेशान कर रही थी वह यह थी कि क्या मुझे फिर कभी मौका मिलेगा क्योंकि प्रतिस्पर्धा बहुत कठिन थी और 2007 टी20 विश्व कप आ रहा था।”
बहुत आसानी से मुश्किल दौर गुजर गया
रैना ने आगे कहा, ” फिर मैंने अपने भाग्य को भगवान के हाथों में छोड़ने का फैसला किया और दोस्तों और परिवार के साथ अच्छा समय बिताने पर ध्यान केंद्रित किया क्योंकि यह उनके साथ समय बिताने का मौका था।1998 के बाद से मैंने कभी भी एक साल में 10-20 दिन से ज्यादा घर पर नहीं बिताया था। अपने परिवार के प्यार और आशीर्वाद से मैं बहुत आसानी से मुश्किल दौर से गुजर गया।”
रैना सोचने लगे थे फिर से क्रिकेट खेल पाएंगे या नहीं
रैना यह तक सोचने लगे थे कि वह अपनी चोट से उबर पाएंगे और फिर से क्रिकेट खेल पाएंगे या नहीं। उन्होंने कहा, “हां, यह विचार मेरे दिमाग में जरूर आया। मैं अपनी और अपने परिवार की वित्तीय स्थिति को लेकर तनाव में था, खासकर कर्ज लेने के बाद। अगर मैं दोबारा नहीं खेलूंगा, तो सब कुछ खत्म हो जाएगा। मुझे यह एहसास हुआ कि मेरे नियंत्रण में जो था वह अपने घुटने को मजबूत करना था और बाकी सब कुछ हो जाएगा।”
सुरेश रैना का इंटरनेशनल करियर
हालांकि, रैना चोट से उबरे और भारतीय टीम में वापसी की। उन्होंने भारतीय टीम के लिए 18 टेस्ट, 226 वनडे और 78 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले। उन्होंने टेस्ट प्रारूप में 768 रन और वनडे प्रारूप में 35.3 की औसत से 5,615 रन बनाए। जबकि टी20 प्रारूप में, उन्होंने 134.9 की स्ट्राइक रेट के साथ 1,605 रन बनाए।