उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार यानी 24 मई 2022 को वह याचिका खारिज कर दी जिसमें बीसीसीआई को घरेलू क्रिकेट टूर्नामेंट्स में उम्र संबंधी पात्रता के लिए कट ऑफ तारीख तय करने के निर्देश देने की मांग की गई थी। न्यायमूर्ति एसए नजीर और पीएस नरसिम्हा की पीठ ने कहा कि इन मसलों पर फैसला बीसीसीआई लेगा। पीठ ने कहा, ‘हम इस पर सुनवाई कैसे कर सकते हैं। यह हमारे हाथ में नहीं है। हम क्रिकेट के बारे में ज्यादा जानते भी नहीं है। आप इसे वापस ले लीजिए।’

यह याचिका 19 साल के क्रिकेट खिलाड़ी रित्विक आदित्य शर्मा की ओर से दायर की गई थी। रित्विक के वकील ने दलील दी थी कि हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने बीसीसीआई को छह महीने के भीतर अपना पक्ष बताने के लिए कहा है। याचिका में कोर्ट से बीसीसीआई को उम्र की पात्रता की समय सीमा एक सितंबर की बजाय एक अप्रैल करने का आदेश देने की मांग की गई थी।

याचिका में निर्देश देने की मांग की गई कि बीसीसीआई को हर साल 1 सितंबर के बजाय 1 अप्रैल के लिए पात्रता कट-ऑफ तिथि निर्धारित करने का निर्देश दिया जाए। याचिका के अनुसार, यह इस कारण से था क्योंकि मार्च/अप्रैल में प्रकाशित होने वाले विज्ञापन में कहा गया है कि 1 अप्रैल से 31 अगस्त के बीच पैदा हुए खिलाड़ी आयु वर्ग के टूर्नामेंट्स में हिस्सा लेने के लिए अयोग्य हैं और केवल 1 सितंबर से 31 मार्च के बीच पैदा हुए खिलाड़ी ही पात्र हैं। याचिकाकर्ता के मुताबिक, इस सब्जेक्टिव कट ऑफ तारीख के कारण उनकी पात्रता अवधि 12 महीने के बजाय सात महीने ही रह गई है।

याचिका में कहा गया है कि याचिकाकर्ता के साथ-साथ देश भर में उनकी तरह के कई अन्य खिलाड़ियों पर गलत असर पड़ा है, क्योंकि 2020 का पूरा अंडर-19 क्रिकेट सीजन और 2021 का आधे से अधिक सीजन कोविड-19 महामारी के कारण धुल गया। याचिकाकर्ता भले ही अभी 19 साल से कम उम्र का हो, लेकिन बीसीसीआई की पात्रता कट-ऑफ तारीख के कारण वह 2022-23 सीजन के लिए अंडर-19 घरेलू-टूर्नामेंट में हिस्सा लेने के लिए पात्र नहीं है।