महान क्रिकेटर सुनील गावस्कर ने टीम इंडिया को व्हाइट बॉल क्रिकेट में ऋषभ पंत से ओपनिंग कराने की सलाह दी है। उनका मानना है कि भारत के इस विकेटकीपर बल्लेबाज में गेंदबाजों की बखिया उधेड़ने की क्षमता है। ओपनिंग के लिए आने पर उन्हें ज्यादा समय तक क्रीज पर रहने का मौका मिलेगा और वह ज्यादा समय तक गेंदबाजों के लिए काल बन सकते हैं।

ऋषभ पंत ने इंग्लैंड के खिलाफ हाल ही में समाप्त हुए पांचवें टेस्ट में शतक और अर्धशतक बनाकर अपनी शानदार फॉर्म जारी रखी। उन्होंने 6 जुलाई 2022 को टेस्ट क्रिकेट में अब तक की अपनी सर्वश्रेष्ठ रैंकिंग हासिल की। वह टेस्ट बल्लेबाजी रैंकिंग में 5वें नंबर पर पहुंच गए। ऋषभ पंत ने अब तक 31 टेस्ट मैच खेले हैं। इसमें उन्होंने 43.32 के औसत से 2123 रन बनाए हैं। इसमें उनके 5 शतक और 10 अर्धशतक शामिल हैं। हालांकि, व्हाइट बॉल क्रिकेट में उनका औसत इससे कम है।

ऋषभ पंत ने 24 एकदिवसीय मैचों में 32.50 के औसत से 715 रन बनाए हैं, जबकि 48 टी20 इंटरनेशनल मैचों में 23.15 के औसत से 741 रन बनाए हैं। टी20 इंटरनेशनल में उनका स्ट्राइक रेट 123.91 और वनडे में 109.32 है। उन्होंने व्हाइट बॉल क्रिकेट में अब तक शतक नहीं लगाया है।

महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर (Sunil Gavaskar) ने कहा कि भारत को सफेद गेंद के क्रिकेट में सलामी बल्लेबाज के रूप में पंत को भेजने से फायदा होगा। यह उनके करियर में अब तक दी गई फिनिशर की भूमिका के विपरीत है। सुनील गावस्कर ने स्पोर्ट्स टुडे पर कहा, ‘बिल्कुल भी खराब विकल्प नहीं है। आप देखिए एडम गिलक्रिस्ट (Adam Gilchrist) ने सफेद गेंद क्रिकेट में ऑस्ट्रेलिया के लिए क्या किया। वह टेस्ट क्रिकेट में 6 या 7 नंबर पर बल्लेबाजी करते थे, लेकिन व्हाइट बॉल क्रिकेट में ओपनिंग करते थे और विध्वंसक थे।’

गावस्कर ने कहा, ‘शायद ऋषभ पंत (Rishabh Pant) जैसा कोई हो सकता है जो उतनी ही निर्ममता से गेंदबाजों की बखिया उधेड़े। उन्हें खेलने के लिए और ज्यादा ओवर मिलेंगे। हम एक फिनिशर के रूप में उनके बारे में बात कर रहे हैं, लेकिन जब वह उस नंबर पर खेलने आते हैं तो आते ही शॉट लगाना शुरू कर देते है और आउट हो जाते हैं।’

सुनील गावस्कर ने कहा, ‘ओपनिंग करने के लिए आने पर उन्हें पता रहेगा कि पहली गेंद से ही धमाका नहीं करना है। उनके पास लय हासिल करने के लिए कुछ गेंदें होंगी। यह वास्तव में भारत के पक्ष में काम कर सकता है। इंग्लैंड में सफेद गेंद से भी कहीं दूसरी जगह से अधिक गति होगी।’