कपिल देव की अगुआई में 1983 विश्व कप जीतने के बाद टीम इंडिया ने बड़े टूर्नामेंट के तौर पर बेंसन एंड हेजेज वर्ल्ड चैंपियनशिप ऑफ क्रिकेट (Benson & Hedges World Championship of Cricket) जीता था। 17 फरवरी से 10 मार्च 1985 तक खेले गए उस टूर्नामेंट में भारत की अगुआई सुनील गावस्कर ने की थी। चूंकि वर्ल्ड चैंपियन बनने के बाद टीम इंडिया का प्रदर्शन खास नहीं रहा था। ऐसे में ऑस्ट्रेलिया में जाकर वर्ल्ड चैंपियनशिप जीतना भारत के लिए उस समय बड़ी बात थी।
बेंसन एंड हेजेज वर्ल्ड चैंपियनशिप ऑफ क्रिकेट से पहले हुई सीरीज में भारत सुनील गावस्कार की अगुआई में ही इंग्लैंड से हार चुका था। सुनील गावस्कर को पक्का विश्वास नहीं था कि विश्व चैंपियनशिप में उन्हीं ही टीम की कमान मिलेगी। गावस्कर के मुताबिक, ‘मुझे पता नहीं था कि बेंसन एंड हेजेज टूर्नामेंट में मैं टीम की कमान संभालूंगा। टूर्नामेंट के लिए कैप्टन बनाए जाने की जानकारी मुझए पत्नी मार्शनील से मिली थी।’
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, सुनील गावस्कार ने बताया, ‘हमारे लिए बेंसन एंड हेजेज वर्ल्ड चैंपियनशिप इसलिए भी खास थी क्योंकि हमने सेमीफाइनल में पहुंचने से पहले लगातार तीन लीग मैच जीते थे। सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड को हराया और फाइनल में पाकिनस्तान को हराकर टूर्नामेंट जीत लिया।’ सुनील गावस्कर ने बताया, ‘ऑस्ट्रेलिया में टीम की कैप्टेंसी करने के लिए सेलेक्टर्स को उनके और रवि शास्त्री के बीच चयन करना था। हालांकि, चीजें जिस तरह से हुईं उससे गावस्कर को कमान मिली।’
गावस्कर ने बताया, ‘उस समय चंडीगढ़ में चयन होना था। मैं रवि और बैठे इंतजार कर रहे थे, क्योंकि हमें पता था कि चयन समिति की बैठक विश्व क्रिकेट चैंपियनशिप के लिए टीम का कप्तान चुनने वाली है। रवि भी इस कतार में था। सीजन में उसका प्रदर्शन शानदार था। मैं उसके कमरे में बैठा इंतजार कर रहा था, तभी मेरी पत्नी ने फोन पर मुझे बताया कि हमारे कमरे में फिश और चिप्स आ गईं हैं। जब मैं अपने कमरे में लौटा तो उसने मुझे बताया कि मुझे कप्तान नियुक्त किया गया है। बोर्ड के सचिव रणबीर सिंह महेंद्र अपनी कार में मेरा इंतजार कर रहे हैं।’
गावस्कर के मुताबिक, ‘चूंकि मेन गेट पर मीडिया वालों का हुजूम था, इसलिए मैं दूसरे रास्ते से जाकर उनकी कार में बैठ गया। वहीं पर मैंने और उन्होंने विश्व चैंपियनशिप में हिस्सा लेने वाली टीम इंडिया का चयन किया।’ ऐसा भी कहा जाता है कि ऑस्ट्रेलिया रवाना होने से पहले ही गावस्कर ने कहा था कि भारत टूर्नामेंट जीतेगा। संयोग से ऐसा ही हुआ।