ICC Media Rights: भारतीय प्रसारकों (ब्रॉडकॉस्टर्स) ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) को जितने भी मेल भेजे हैं, उनमें स्टार स्पोर्ट्स का पत्र सबसे ज्यादा चुभने वाला हो सकता है। आईसीसी के मौजूदा प्रसारक ने मीडिया राइट्स टेंडर (मीडिया अधिकार निविदा) में कई आपत्तियों को रेखांकित किया है। इसमें चार और आठ साल की बोलियों के लिए बहुविकल्प भी शामिल है।
कड़े शब्दों वाले पत्र में, स्टार स्पोर्ट्स ने बहिष्कार शब्द का इस्तेमाल बिल्कुल भी नहीं किया है, लेकिन यह स्पष्ट रूप से साफ कर दिया है कि निविदा आमंत्रण (आईटीटी) दस्तावेज की कुछ शर्तें उन्हें नीलामी में हिस्सा लेने के लिए बहुत ज्यादा प्रोत्साहित नहीं कर रहे हैं। स्टार स्पोर्ट्स के पास 15 साल से (2007 से 2022 तक) आईसीसी (ICC) के मीडिया राइट्स हैं।
क्रिकबज की रिपोर्ट के मुताबिक, स्टार स्पोर्ट्स के अलावा सभी चार भारतीय प्रसारकों सोनी स्पोर्ट्स (Sony Sports), वायकॉम (Viacom) और जी (ZEE)ने भी आईसीसी को स्पष्ट कर दिया है कि वे शर्तों से खुश नहीं हैं। इसके बावजूद आईसीसी ने तय किया है कि आईटीटी (Invitation To Tender) की शर्तों में कोई बदलाव नहीं होगा।
स्टार स्पोर्ट्स का जो प्रमुख सवाल बहुविकल्प के बारे में है। आईसीसी ने ब्रॉडकास्टर्स की यह देखने की मांग को लगातार खारिज किया है कि यह चार और आठ साल की वैल्यू पर कैसे पहुंचेगा और इसका इस्तेमाल करने के लिए क्या फॉर्मूला है।
स्टार स्पोर्ट्स ने कहा है कि वह सटीक फॉर्मूले को साझा करने के लिए आईसीसी की अनिच्छा को समझ सकता है, लेकिन उसने जोर देकर कहा कि क्रिकेट की सर्वोच्च संस्था को यह बताना चाहिए कि फ्लोर मल्टीपल क्या होगा।
वेबसाइट ने उद्योग जगत के अंदरूनी सूत्रों के हवाले से लिखा है कि पत्र लिखने से पहले स्टार ने कैलिफोर्निया में मुख्यालय में अपने डिज्नी मालिकों से सलाह ली है। इसके अलावा, उसने मेल भेजने से पहले कुछ वकीलों से भी संपर्क किया।
एक अन्य बिंदु जिस पर स्टार ने प्रकाश डाला है वह यह है कि आईसीसी जब प्रतिभागियों से पहले दौर में सर्वोत्तम संभव बोली लगाने के लिए कहता है, तब वह दूसरे दौर की बात क्यों कर रहा है। यह भी एक बंद बोली है। उसका कहना है कि उच्चतम बोली को नीलामी जीतनी चाहिए। दूसरा वह यह जानना चाहता था कि दूसरे दौर के लिए क्या योग्यता है।
आईसीसी ने कहा है कि यदि दो या दो से अधिक बोलियां करीब हैं, तो वह दूसरे दौर में जाएंगी, जो एक ई-नीलामी है। स्टार ने यह जानने की मांग की है कि बोलियों के बीच क्या अंतर होना चाहिए जो ‘क्लोज गैप’ का निर्धारण करेगा जिसके परिणामस्वरूप दूसरा दौर होगा।
यही नहीं, सभी की तरह स्टार स्पोर्ट्स ने भी पूछा है कि 22 अगस्त को बोलियां क्यों जमा की जानी चाहिए, जबकि उन्हें चार दिन बाद 26 अगस्त को खोला जाना है। वह यह जानना चाहता है कि आईसीसी उन लिफाफों का क्या करेगा।