हार्दिक पंड्या मैदान के अंदर और बाहर अपने खेल में शीर्ष पर हैं। भारत का यह हरफनमौला खिलाड़ी इंग्लैंड के खिलाफ पहले टी20 मैच में गेंद और बल्ले दोनों से कमाल करके भारत की जीत का सूत्रधार रहा। हार्दिक पंड्या ने 33 गेंद में 51 रन बनाने के बाद 33 रन देकर 4 विकेट लिए। वह टी20 इंटरनेशनल मैच में अर्धशतक बनाने और चार विकेट लेने वाले पहले भारतीय क्रिकेटर बन गए।
रोहित शर्मा की अगुआई में भारत के युवाओं ने इंग्लैंड को मात देने के लिए बल्ले और गेंद से शानदार प्रदर्शन किया। हालांकि, अगले मैच से मुश्किल हो सकती है, क्योंकि विराट कोहली, ऋषभ पंत, रविंद्र जडेजा और जसप्रीत बुमराह जैसे सीनियर्स की टीम में वापसी हो रही है। दीपक हुड्डा जैसा खिलाड़ी जो इस समय फुल-फॉर्म में है, उसे विराट कोहली के लिए जगह बनानी पड़ सकती है। पंत के लिए इशान किशन या दिनेश कार्तिक में से किसी एक को बाहर बैठना पड़ सकता है।
भारतीय थिंक टैंक को दूसरे टी20 मैच से पहले सिरदर्द का सामना करना पड़ेगा के सवाल पर, हार्दिक पंड्या ने मैच के बाद प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ‘सर वह तो पता नहीं, वह तो प्रबंधन का ही काम है। मैं तो बस इंडिया के एक ऑलराउंडर की तरह खेलता हूं। मेरे को जो बोलते हैं वह मैं करता हूं। और उससे ज्यादा दिमाग नहीं लगाता।’ हार्दिक पंड्या ने यह भी स्पष्ट किया कि सफलता और विफलता का उन पर अब असर नहीं पड़ता, क्योंकि उन्होंने स्पष्ट सोच के साथ ‘तटस्थ जीने’ का हुनर सीख लिया है।
हार्दिक पंड्या ने कहा, ‘कड़ी मेहनत हमेशा रंग लाती है। मेरा हमेशा से मानना रहा है कि अच्छे इरादे से की गई मेहनत बेकार नहीं जाती। मैं खुद को हमेशा तैयार रखना चाहता हूं। कई बार नतीजे मेरे पक्ष में होंगे तो कई बार नहीं। मैं कामयाबी और नाकामी को लेकर ज्यादा नहीं सोचता। मैने तटस्थ जीना सीख लिया है। आज अच्छा दिन था तो कल बुरा भी हो सकता है। जिंदगी चलती रहती है लिहाजा हंसते रहो और मेहनत करते रहो।’
हार्दिक पंड्या ने कहा कि अपने जीवन को लेकर उनकी सोच हमेशा स्पष्ट रही है और ढर्रे से उतरने पर भी उनके आसपास ऐसे लोग हैं जो उन्हें फिर पटरी पर ले आते हैं। उन्होंने कहा, ‘मेरी सोच हमेशा स्पष्ट रही है। जब भी मुझे लगता है कि साफ सोच नहीं पा रहा हूं तो समय लेकर सुधार करता हूं। मैं हड़बड़ी में कुछ नहीं करता। गेंदबाजी या बल्लेबाजी को तो छोड़ दो, आम जीवन में भी यह स्पष्टता जरूरी है।’
उन्होंने कहा, ‘मेरी मदद के लिए काफी लोग हैं। परिवार मेरे लिए बहुत अहम है, जो मेरी सोच में स्पष्टता लाता है। जब भी मैं कन्फ्यूज होता हूं तो कृणाल है, मेरी पत्नी है, मेरी भाभी है। हमारा तालमेल बहुत मजबूत है और पथ से भटकने पर वे मुझे रास्ते पर ले आते हैं।’
टेस्ट क्रिकेट हर क्रिकेटर के लिए सर्वोपरि चुनौती है, लेकिन हार्दिक पंड्या ने कहा कि वह अभी इसके बारे में ज्यादा नहीं सोच रहे। उन्होंने कहा, ‘फिलहाल सीमित ओवरों का सत्र है और पूरा फोकस सफेद गेंद के क्रिकेट पर है। टेस्ट खेलने का मौका भी मिलेगा। मेरा फलसफा साफ है कि जो भी खेलो, उसमें अपना शत प्रतिशत दो।’