बांग्लादेश के स्टार क्रिकेटर शाकिब अल हसन को कोलकाता में काली पूजा में शामिल होने के बाद अब माफी मांगनी पड़ी है। उन्हें पूजा में शामिल होने के बाद सोशल मीडिया पर मौत की धमकी मिली थी। शाकिब ने वीडियो जारी कर सार्वजनिक तौर पर कट्टरपंथियों से माफी मांगी है। रविवार (15 नवंबर) को फेसबुक लाइव में मोहसिन तालुकदार नाम के एक व्यक्ति ने कहा थाकि शाकिब के व्यवहार से मुस्लिमों की भावनाओं को ठेस पहुंची है।

मोहसिन ने लाइव वीडियो में शाकिब को ईशनिंदा करने के लिए टुकड़े टुकड़े करने की धमकी दी थी। उसने कहा था, ‘‘शाकिब ने मुस्लिमों का अपमान किया है। उसने साथ ही कहा कि अगर शाकिब को मारने के लिए उसे सिलहट से ढाका आना पड़े, तो वह आएगा।’’ पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है। शाकिब पूर्वी कोलकाता के कंकुरागाची में “अमरा शोबाई क्लब” की 59वीं श्यामा पूजा में उपस्थित थे। इस घटना के बाद मशहूर लेखकर तस्लीमा नसरीन ने ट्वीट कर कहा कि शाकिब को माफी नहीं मांगनी चाहिए। तस्लीमा ने कहा, ‘‘उनके माफी से कट्टरपंथियों को ताकत मिलेगी। वे पूजा या पंडाल में शामिल होने वाले मुस्लिमों को आगे भी मारने की धमकी देंगे।’’

इसी बीच शाकिब ने अपने यूट्यूब चैनल पर पोस्ट वीडियो किया है। इसमें उन्होंने कहा, ‘‘मैं फिर से उस जगह (कोलकाता) नहीं जाना चाहूंगा। यदि आपको लगता है कि यह आपके खिलाफ है, तो मैं माफी मांगता हूं। मैं कोशिश करूंगा कि यह दोबारा नहीं हो। सोशल मीडिया पर खबरें चल रहीं हैं कि मैं समारोह में शामिल होने गया था, लेकिन ऐसा नहीं है। मैंने कोई पूजा भी नहीं की। एक जागरुक मुस्लिम होने के नाते मैं ऐसा नहीं करूंगा। अगर मुझसे कोई गलती हुई, तो उसके लिए माफी मांगता हूं।’’

शाकिब ने आगे कहा, ‘‘पूजा का उद्घाटन कोलकाता के मेयर फरहाद हकीम ने किया। मेरे निमंत्रण कार्ड में यह स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया था कि मैं पूजा में मुख्य अतिथि नहीं था। मुस्लिम होने के नाते मैं हमेशा धार्मिक रीति-रिवाजों का पालन करने की कोशिश करता हूं। यदि मैंने कुछ भी गलत किया है तो कृपया मुझे क्षमा करें।’’ शाकिब पर ICC की एंटी करप्शन यूनिट ने एक साल का प्रतिबंध लगाया था। उनका प्रतिबंध 29 अक्टूबर, 2020 को समाप्त हुआ।