आईसीसी वर्ल्ड कप 2019 में भारत और न्यूजीलैंड के बीच मंगलवार को होने वाला सेमीफाइनल आज पूरा होगा। वर्ल्ड कप में यह दूसरी बार है कि भारत का वनडे मैच टू डे का हो गया है। इससे पहले 1999 वर्ल्ड कप में भारत और इंग्लैंड का मैच दो दिन तक चला था। वह मैच 29 और 30 मई को खेला गया था। तब टीम इंडिया ने 29 मई को पहले बल्लेबाजी करते हुए 8 विकेट पर 232 रन बनाए थे। जवाब में इंग्लैंड ने 20.3 ओवर में 3 विकेट पर 73 रन बना लिए थे। इसके बाद बारिश के कारण मैच 30 मई को पूरा हुआ। टीम इंडिया ने वह मुकाबला 63 रन से जीत लिया था।

मंगलवार को न्यूजीलैंड ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 46.1 ओवर में 5 विकेट पर 211 रन बना लिए थे। तभी बारिश आ गई और दोबारा मैच नहीं शुरू हो पाया। रिजर्व डे होने के कारण आज मैच वहीं से शुरू हुआ था, जहां कल रुका था। हालांकि, मैनचेस्टर में आज भी बारिश होने की आशंका जताई गई है। बारिश नहीं रुकी तो न्यूजीलैंड वर्ल्ड चैंपियन बनने की रेस से बाहर हो जाएगा। लीग स्टेज की पॉइंट टेबल के आधार पर भारत फाइनल में पहुंचने का हकदार बन जाएगा।

क्या है डकवर्थ लुईस नियम : दो अंग्रेज सांख्यिकी विशेषज्ञों फ्रैंक डकवर्थ और टोनी लुईस ने इसे इजाद किया था। इस प्रणाली के तहत गणना करते समय यह माना जाता है कि कोई भी टीम रन बनाने के दो स्रोत (ओवर और विकेट की उपलब्धता) के आधार पर ही पर रन बना सकती है। मैच के दौरान किसी भी समय इन्हीं दो आधार पर लक्ष्य तय किया जाता है।किसी भी मैच में बचे हुए ओवर या गेंदों और गिर चुके विकेट के आधार पर लक्ष्य तय किया जाता है।

इसे मैच के दौरान उस स्थिति में बढ़ाया या घटाया जाता है जब मैच को एक या उससे ज्यादा बार रोकना पड़े। इसके लिए दोनों टीमों के दोनों स्रोतों का प्रतिशत निकाला जाता है। उसके आधार पर बाद में बल्लेबाजी करने वाली टीम के लिए लक्ष्य की गणना की जाती है। अगर बाद में बल्लेबाजी करने वाली टीम पहले ही उससे ज्यादा रन बना चुकी होती है तो उसे विजेता घोषित कर दिया जाता है। अगर उसके रन बराबर हुए तो मुकाबला टाई माना जाता है। कम रन बनने पर बाद में बल्लेबाजी करने वाली टीम को हार झेलनी पड़ती है।हालांकि, यह नियम व्यावहरिक तौर पर समझने में कठिन है। इस प्रणाली की काफी आलोचना हो चुकी है। एक क्रिकेट विशेषज्ञ ने लिखा था कि इस नियम को दुनिया में 2 ही व्यक्तियों ने पूरी तरह समझा है, पहले डकवर्थ और दूसरे लुईस ने।