आईपीएल फ्रेंचाइजी मुंबई इंडियंस की मालिक नीता अंबानी से हितों के टकराव के मामले में लिखित जवाब मांगे जाने के 15 दिन बाद संजीव गुप्ता ने अपनी सभी शिकायतें वापस ले ली हैं। द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने बीसीसीआई के आचरण अधिकारी और लोकपाल विनीत सरन से उनकी ओर से दायर सभी 21 लंबित मामलों को वापस लेने का अनुरोध किया।
अपनी शिकायत में मध्य प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के पूर्व सदस्य गुप्ता ने कहा था कि नीता अंबानी आईपीएल फ्रेंचाइजी मुंबई इंडियंस टीम की मालिक हैं। वह अंबानी रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) की निदेशक हैं। इसकी सहायक कंपनी वायाकॉम 18 ने आईपीएल मीडिया अधिकार हासिल किए हैं। बीसीसीआई के नियमों के अनुसार यह हितों का टकराव है। ऐसे में सरन ने नीता अंबानी से दो सितंबर तक लिखित जवाब मांगा था।
हालांकि, 21 अगस्त को गुप्ता ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीशों को ईमेल किया। बीसीसीआई के आचरण अधिकारी और लोकपाल के अलावा मीडिया को भी यह कॉफी भेजा। उन्होंने कहा कि वह अपनी सभी लंबित शिकायतों को वापस लेना चाहते हैं और यह उनका आखिरी मेल होगा। उन्होंने अपने ईमेल में 20 अगस्त की एक घटना का हवाला दिया और कहा कि उन्होंने अपने “स्वास्थ्य और जीवन की रक्षा” के लिए यह कदम उठाया।
संजीव गुप्ता ने जो मेल लिखा उसकी एक कॉफी इंडियन एक्सप्रेस के पास है। उसमें उन्होंने कहा, ” 20 अगस्त 2022 को हुई घटना से मेरे स्वास्थ्य पर काफी प्रभाव पड़ा है। इसके कारण मुझे अपनी स्वास्थ्य और जीवन की रक्षा के लिए कानून, सुप्रीम कोर्ट के फैसले, लोढ़ा समिति की सुधार और बीसीसीआई संविधान को लेकर 6 और ½ साल के निस्वार्थ काम को छोड़ना पड़ रहा है। मजबूरी में मैंने अपनी लंबे समय से लंबित 21 तथ्यात्मक शिकायतों को वापस ले लिया है।”
अंबानी के मामले की सुनवाई होगी या नहीं?
संजीव गुप्ता ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के फैसलों के अनुपालन न होने पर मामला उठाने से उन्हें रोकने के लिए अपमानित किया गया। उन्हें धमकी दी गई और उत्पीड़न भी हुआ। बीसीसीआई के एथिक्स ऑफिसर विनीत सरन को एक टेक्स्ट मैसेज भेजा गया, जिसमें उनसे पूछा गया था कि क्या बीसीसीआई ने उनकी शिकायतों को स्वीकार कर लिया है? अभी यह स्पष्ट नहीं है कि अंबानी के मामले की सुनवाई होगी या नहीं? संपर्क करने पर बीसीसीआई के एक शीर्ष अधिकारी ने गुप्ता के ईमेल से जुड़ी किसी भी बात पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
विराट कोहली और एमएस धोनी का भी नाम
जुलाई 2020 से दायर गुप्ता की लंबित 21 शिकायतों में ‘हितों के टकराव’ से लेकर ‘बीसीसीआई के संविधान के उल्लंघन’ तक का मामला उठाया गया था। इनमें विराट कोहली और एमएस धोनी का भी नाम था। इसके अलावा बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली पर चार शिकायतें, कोषाध्यक्ष अरुण धूमल पर दो, बीसीसीआई उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला और नीता अंबानी पर एक मामले थे। 2016 में लंबी सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई के संविधान में पूरी तरह से बदलाव की मांग की थी। जब राज्य संघों ने आदेश का पालन नहीं किया, तो कोर्ट ने प्रशासकों की एक समिति नियुक्त की।
तेंदुलकर, द्रविड़ और लक्ष्मण को लेकर हितों के टकराव का मामला उठाया था
इसके बाद से गुप्ता ने सीओए को नियमों और बोर्ड के संविधान में उल्लंघन का मामला उठाना शुरू किया। उनकी शिकायत के बाद ही सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़ और वीवीएस लक्ष्मण को लेकर हितों के टकराव का मामला सामने आया था। सीओए को भंग करने के बाद भी गुप्ता ने शिकायतें करना जारी रखा। हालांकि उन्हें बीसीसीआई से अनुकूल प्रतिक्रिया नहीं मिली। करीब एक साल से बीसीसीआई में आचरण अधिकारी और लोकपाल का पद खाली था। गुप्ता की शिकायतों को सुनने वाला कोई नहीं था।