महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने शुक्रवार 21 अप्रैल 2023 को एकदिवसीय क्रिकेट बल्ले और गेंद के बीच असंतुलन का मुद्दा उठाया। तेंदुलकर का मानना है कि वनडे क्रिकेट में काफी हद तक बल्लेबाजों का दबदबा है। इस फॉर्मेट को सही तरीके से जारी रखने के लिए बल्ले और गेंद के बीच के असंतुलन पर गौर किया जाना चाहिए। यही नहीं, सचिन तेंदुलकर ने एथलीट्स के बेहतर प्रदर्शन और उनके कौशल पर कड़ी मेहनत करने में अहम भूमिका के लिए मीडिया की सराहना की। सचिन ने इस बात पर जोर दिया कि प्रशंसा से खिलाड़ियों का प्रदर्शन बेहतर होता है।
सचिन तेंदुलकर का मानना है कि टी20 फॉर्मेट की शुरुआत के बाद खेल की गति काफी तेज हुई है और अब समय आ गया है कि एकदिवसीय क्रिकेट में संतुलन बनाने पर ध्यान दिया जाए। तेंदुलकर ने अपने 50वें जन्मदिन से पहले पत्रकारों के एक चुनिंदा समूह से कहा, ‘आप पलक झपकाते हैं और मैच खत्म हो जाता है। लेकिन कहीं न कहीं मुझे लगता है कि वनडे प्रारूप पर ध्यान देने की जरूरत है।’
24 अप्रैल को 50 साल के हो जाएंगे सचिन तेंदुलकर
तेंदुलकर सोमवार 24 अप्रैल 2023 को 50 साल के हो जाएंगे। उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि बल्ले और गेंद के बीच असंतुलन है। यह इस समय बल्लेबाजों के पक्ष में बहुत अधिक झुका हुआ है।’ उन्होंने गेंदबाजों को कुछ फायदा देने की वकालत करते हुए कहा, ‘एकदिवसीय में दो नई गेंद से पारी शुरू होने के कारण 25 ओवर के मैच के बाद गेंद 12 या 13 ओवर पुरानी होती है जिससे गेंदबाज रिवर्स स्विंग नहीं करा पता है। इससे गेंद ना तो नरम होती है ना ही उसका रंग फीका पड़ता है।’
सचिन तेंदुलकर ने कहा, ‘मुझे लगता है कि इन चीजों से गेंदबाजी टीम दबाव में होती है। गेंद का रंग और चमक उड़ने की चुनौती पहले भी थी और तब बल्लेबाज शिकायत करते थे। यह थोड़ा गेंदबाजों के पक्ष में था।’ उन्होंने कहा, ‘गेंदबाजों को भी कुछ फायदा मिलना चाहिए, लेकिन मुझे लगता है कि अभी खेल से वह तत्व गायब है। इसके साथ ही 30 गज के दायरे में में पांच क्षेत्ररक्षकों मौजूदगी के कारण स्पिन गेंदबाज अपनी लाइन में ज्यादा बदलाव करने का जोखिम नहीं ले सकते है।
सचिन तेंदुलकर ने एकदिवसीय क्रिकेट को 25-25 ओवर की चार पारियों में विभाजित करने के पहले दिए गए सुझावों को याद करते हुए कहा कि इस तरह के बदलाव से दोनों टीमों को समान परिस्थितियों में समान अवसर मिलेंगे जो इस समय सिक्के (टॉस) के कारण एक पक्ष की ओर झुक जाता है।
सचिन तेंदुलकर ने कहा, ‘मुझे हमेशा लगता है कि प्रशंसा से प्रदर्शन बेहतर होता है। अगर प्रशंसा नहीं होगी तो किसी एथलीट को खुद को अभिव्यक्त करने का सही माहौल नहीं मिलेगा।’ उन्होंने कहा, ‘आपने जिस तरह से मेरे प्रयासों की सराहना की है, उससे मुझे और अधिक कोशिश करने की शक्ति मिली है। ऐसे मौके भी आए जब मैं लड़खड़ाया, मेरा आत्मविश्वास डगमगाया लेकिन इस खूबसूरत खेल ने मुझे फिर से उठना और आगे बढ़ना सिखाया। लेकिन आगे बढ़ने के लिए जिस ईंधन की जरूरत थी मुझे वह आपसे मिला।’
बिना ईंधन वाली गाड़ी से मैं इतनी लंबी दूरी तय नहीं कर सकता था: सचिन तेंदुलकर
उन्होंने कहा, ‘बिना ईंधन वाली गाड़ी से मैं इतनी लंबी दूरी तय नहीं कर सकता था। आपने इसमें काफी अहम भूमिका निभाई है।’ इस पूर्व दिग्गज ने खेल पत्रकारों के साथ अपने जुड़ाव को याद किया और कहा कि खेल से जुड़े रहने के इतने वर्षों में यह जुड़ाव खिलाड़ी और पत्रकार की दोस्ती में बदल गया। उन्होंने कहा, ‘मेरे पहले साक्षात्कार से लेकर आखिरी साक्षात्कार तक यह सफर शानदार रहा है। इन वर्षों में हम अच्छे दोस्त भी बने। शुरू में यह सिर्फ एक खिलाड़ी-पत्रकार का रिश्ता था लेकिन फिर आप व्यक्तित्व को जान जाते हैं, आप उसके दूसरे पक्ष को जान जाते हैं।’
मैं खुद के बारे में लिखी गई चीजों के पीछे भागता नहीं: सचिन तेंदुलकर
इस महान बल्लेबाज ने कहा कि वह खुद के बारे में लिखी गई चीजों को नियमित तौर पर नहीं पढ़ पाते हैं लेकिन इसका कोई खास असर नहीं पड़ता। उन्होंने कहा, ‘ऐसा बहुत कम होता है जब मैं खुद के बारे में लिखी गई चीजों के पीछे भागता हूं। खिलाड़ी के तौर पर मैं मैच के अगले दिन खबर पढ़ने के बजाय श्रृंखला खत्म होने के बाद ही अखबार देखना पसंद करता हूं। मैं इसी तरह रहना चाहता हूं।’ तेंदुलकर ने कहा, ‘ज्यादातर खेल पत्रकारों को पता रहता था कि मैं अगले दिन खुद से जुड़ी खबरें नहीं पढूंगा, लेकिन उनसे मेरा रिश्ता कभी प्रभावित नहीं हुआ।’