सचिन तेंदुलकर क्रिकेट के खेल के जीवित दिग्गजों में से एक हैं। सचिन तेंदुलकर ने 1989 में 16 साल की उम्र में पदार्पण किया और 2013 में क्रिकेट के इतिहास में सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में से एक के रूप में संन्यास लिया। सचिन तेंदुलकर ने 24 साल लंबे अंतरराष्ट्रीय करियर के दौरान अपने नाम कई रिकॉर्ड दर्ज किए। कुछ ऐसा ही प्रदर्शन वेस्टइंडीज के महान बल्लेबाज ब्रायन लारा का भी रहा।
ब्रायन लारा ने सचिन तेंदुलकर के एक साल बाद पदार्पण किया और 2007 में संन्यास ले लिया। साउथ अफ्रीका के पूर्व कप्तान अली बाकर ने सचिन तेंदुलकर की बल्लेबाजी और व्यक्तित्व की प्रशंसा की। अली बाकर ने सचिन तेंदुलकर को ब्रायन लारा से बेहतर खिलाड़ी करार दिया।
अली बाकर ने सुपरस्पोर्ट पार्क के प्रेसीडेंट बॉक्स में साफ किया कि समय बीतने के साथ खेल के प्रति उनकी भूख कम हुई है। सभी भारतीय चीजों के प्रति उनका प्यार स्पष्ट है। यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है जब वह बताते हैं कि क्रिकेट में अपनी दूसरी पारी में उन्हें जिन खिलाड़ियों ने प्रभावित किया है उनमें से वह सचिन तेंदुलकर का सबसे अधिक सम्मान करते हैं।
हिंदुस्तान टाइम्स ने अली बाकर के हवाले से लिखा, ‘वह (सचिन तेंदुलकर) अनूठे हैं। वह एक अलग ग्रह से आए हैं। मैंने उनकी कई शानदार पारियां देखी हैं, लेकिन मेरे लिए यह इस बात पर निर्भर करता है कि वह एक इंसान के तौर पर कैसे हैं। भगवान, क्या उनसे कभी किसी की बहस हुई है? मुझे ऐसा नहीं लगता। वह उनकी महानता को जाहिर करता है।
अली बाकर ने कहा, ‘आप पता है? ऑस्ट्रेलियाई लोग मानते हैं कि ब्रायन लारा उनसे बेहतर थे। मैं कहता हूं कि यह बकवास है। मैं कहता हूं कि ब्रायन लारा ने 40 लाख लोगों के सामने खेले। यार, इस आदमी (सचिन तेंदुलकर) के पास 1.4 अरब लोग थे। क्या आप उस व्यक्ति के दबाव की कल्पना कर सकते हैं? मुझे मत बताओ।’
अब तक की सर्वश्रेष्ठ है भारतीय टेस्ट टीम
सेंचुरियन में बड़ी हार झेलने के बावजूद अली बाकर ने रोहित शर्मा की मौजूदा टीम को बहुत ऊंचा दर्जा दिया। उन्होंने जोर देकर कहा, ‘मैंने टेस्ट क्रिकेट में अब तक जो भी भारतीय टीम देखी है उनमें यह सर्वश्रेष्ठ है। पहले आपके पास एक या दो अच्छे तेज गेंदबाज हुआ करते थे और वे कपिल देव और शायद (जवागल) श्रीनाथ थे। अब आपके पास कई प्रमुख तेज गेंदबाज हैं। जब आपके पास अच्छे तेज गेंदबाज होते हैं, तो आप हावी हो जाते हैं।’
रोहित शर्मा को बताया धाकड़ सलामी बल्लेबाज
अली बाकर ने कहा, ‘आपको कप्तान के रूप में एक धाकड़ सलामी बल्लेबाज मिला है। पहले दिन से ही वह तुम्हारे पीछे पड़ा है। आपके पास (विराट) कोहली हैं, जो आज का सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज है। कोहली ने यह टीम इसलिए बनाई क्योंकि मुझे हमेशा लगता था कि भारत के साथ मैदान पर कोई बकवास नहीं कही जाती। कोहली को आप एक मील दूर से देख सकते हैं। वह मुझे एक ऑस्ट्रेलियाई की याद दिलाता है। उसने उस लड़ाई की भावना को इंजेक्ट किया है। मैं उनका बहुत बड़ा प्रशंसक हूं। वह आज दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज हैं।’
अपनी कप्तानी में ऑस्ट्रेलिया को टेस्ट में 4-0 से हरा चुके हैं अली बाकर
डॉ. अली बाकर एक ऐसा नाम है जो भारतीय क्रिकेट प्रशंसकों को भाता है। अली बाकर ने 1960 और 1970 के दशक की शुरुआत में साउथ अफ्रीका के लिए 12 टेस्ट मैच खेले। उन्होंने अपने करियर के आखिरी 4 टेस्ट बतौर कप्तान खेले। खास यह रहा कि अली बाकर ने साउथ अफ्रीका की अगुआई करते हुए बिल लॉरी की ऑस्ट्रेलिया को घरेलू सरजमीं पर 4-0 से हराया। उन्होंने अपना अंतिम टेस्ट मैच मार्च 1970 में गकेबरहा (तत्कालीन पोर्ट एलिजाबेथ) में खेला। इसके बाद साउथ अफ्रीकी क्रिकेट टीम पर बैन लगने के कारण उनका अंतरराष्ट्रीय करियर समाप्त हो गया।
81 साल की उम्र में भी क्रिकेट को लेकर उत्सुक हैं अली बाकर
इस दौरान अली बाकर ने स्थानीय क्रिकेट को मजबूत और जीवंत बनाए रखने के लिए साउथ अफ्रीका में ‘बागी’ दौरों का आयोजन किया, लेकिन जैसे ही देश में बदलाव की हवा चली, उन्होंने अपना रुख बदला और अपने देश को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फिर से शामिल करने में अहम भूमिका निभाई। 81 साल की उम्र में वह अब भी इस खेल के प्रति उत्सुक हैं। हालांकि,जोहान्सबर्ग से सेंचुरियन तक यात्रा करने के बारे में बहुत कम सोचते हैं।