भारतीय टीम में इन दिनों बदलाव का दौर चल रहा है। पहले टेस्ट क्रिकेट में रोहित शर्मा का कप्तानी छोड़ना और रिटायरमेंट लेना। उसके बाद शुभमन गिल को टेस्ट टीम की कप्तानी सौंप देना। फिर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे सीरीज से पहले रोहित शर्मा की वापसी के बावजूद उनको कप्तानी से हटा देना और गिल को वनडे की भी कमान सौंपना। पिछले कुछ दिनों में इन सभी बदलाव से यह साफ हो गया है कि अब भारतीय क्रिकेट टीम में एक नए युग की शुरुआत होने वाली है। मगर क्या शुभमन गिल उस लेवल तक अपनी कप्तानी को ले जा पाएंगे। जो एमएस धोनी, विराट कोहली और रोहित शर्मा ने पिछले कई सालों में भारत के लिए सेट किया है। यह निश्चित ही युवा भारतीय कप्तानी के लिए बड़ी चुनौती होगी।

कैसा रहा धोनी, कोहली और रोहित का सक्सेस रेट?

अब अगर टी20 इंटरनेशनल को हटाकर सिर्फ वनडे और टेस्ट क्रिकेट में रोहित शर्मा, एमएस धोनी और विराट कोहली के सक्सेस रेट की बात करें तो तीनों ने ही भारतीय टीम के मान को सालों तक बढ़ाया है। एमएस धोनी की कप्तानी में 2011 वर्ल्ड कप जीतने वाली भारतीय टीम ने 55 प्रतिशत वनडे मुकाबले जीते हैं। वहीं टेस्ट क्रिकेट में धोनी की कप्तानी में जीत का प्रतिशत 45% रहा है। वहीं भारतीय टेस्ट टीम के सबसे सफल कप्तानों में से एक विराट कोहली ने टेस्ट क्रिकेट में टीम इंडिया को एक नई पहचान दिलाई थी। भारत ने विराट की कप्तानी में 58.82 प्रतिशत टेस्ट मैच जीते और 68.42 प्रतिशत वनडे मुकाबलों में टीम को जीत मिली।

अब रोहित शर्मा की कप्तानी में चैंपियंस ट्रॉफी जीतने वाली भारतीय टीम वनडे वर्ल्ड कप और वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप की रनर अप भी रही थी। उन्होंने अपनी कप्तानी में टीम इंडिया को टी20 वर्ल्ड कप 2024 में भी चैंपियन बनाया था। इसके अलावा दो एशिया कप भी भारत ने रोहित की कप्तानी में जीते। उनका वनडे में सक्सेस रेट रहा है 75 प्रतिशत जो कि विराट और धोनी से भी ज्यादा है। वहीं टेस्ट में भी 50 प्रतिशत मुकाबले उन्होंने जीते। यानी रोहित कप्तानी में सक्सेस रेट के मुकाबले में एमएस धोनी से भी आगे हैं। ऐसे में उन्हें हटाकर शुभमन गिल को कप्तानी मिलना युवा भारतीय बल्लेबाज के लिए एक बड़ी जिम्मेदारी भी है।

शुभमन गिल ने इससे पहले टेस्ट क्रिकेट में भारतीय टीम की कमान मिलने के बाद 6 टेस्ट मैचों में कप्तानी की है। इंग्लैंड दौरे पर भारत ने पांच टेस्ट मैच उनकी कप्तानी में खेले थे। यह सीरीज 2-2 से ड्रॉ हुई थी। उसके बाद भारतीय सरजमीं पर बतौर कप्तान टेस्ट डेब्यू करते हुए वह वेस्टइंडीज के खिलाफ उतरे। इस मैच में भारत ने पारी और 140 रन से जीत दर्ज की उनकी कप्तानी में अभी तक भारत ने 6 में से 3 टेस्ट जीते हैं। वहीं 2 में उसे हार मिली और एक मैच ड्रॉ पर समाप्त हुआ। अब वनडे में 19 अक्टूबर से ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उनकी अग्नि परीक्षा होगी।

क्या शुभमन गिल पार कर पाएंगे ये चुनौती?

रोहित शर्मा ने पिछले 3-4 सालों में भारतीय टीम का डर जो विरोधी टीमों के अंदर बनाया है उसे बरकरार रखना शुभमन गिल की सबसे बड़ी चुनौती होने वाली है। गिल अगर एग्रेशन के साथ दबाव को झेलने में कामयाब रहेंगे तो वह इस चुनौती को पार कर सकते हैं। वहीं ड्रेसिंग रूम में विराट कोहली, रोहित शर्मा जैसे अनुभवी खिलाड़ियों के होने का वह कितना बखूबी फायदा उठा पाते हैं यह भी देखने वाली बात होगी। वरना मोहम्मद कैफ की बात सही साबित होगी कि अजीत अगरकर ने एकदम से गिल को बहुत ज्यादा जिम्मेदारियां देकर दबाव में डाल दिया है।