Robin Uthappa on Team India poor performance in ICC events: भारत के पूर्व क्रिकेटर रॉबिन उथप्पा (Robin Uthappa) का मानना है कि राष्ट्रीय टीम में जगह को लेकर खिलाड़ियों में असुरक्षा की भावना बड़े टूर्नामेंटों के अहम मैचों में टीम के लिए घातक साबित हो रही है। भारत ने अपना पिछला विश्व कप 2011 और आईसीसी (ICC) का अपना आखिरी टूर्नामेंट 2013 में चैंपियंस ट्रॉफी (Champions Trophy) के रूप में जीता था। टीम इसके बाद कई बार एकदिवसीय विश्व कप (ODI World Cup) और टी20 विश्व कप (T20 World Cup) के नॉकआउट चरण में पहुंचने के बाद टूर्नामेंट से बाहर हो गई है।
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद उथप्पा इन दिनों इंटरनेशनल लीग टी20 (ILT20) में दुबई कैपिटल्स (DC) को अपनी सेवाएं दे रहे है। रॉबिन उथप्पा (Robin Uthappa) ने पीटीआई को दिए इंटरव्यू में कहा, ‘‘मुझे लगता है कि खिलाड़ियों में टीम में अपनी जगह को लेकर सुरक्षा की भावना की कमी है। पिछले काफी समय से टीम में लगातार बदलाव हो रहे है। जब एक खिलाड़ी सुरक्षित महसूस नहीं करता तो वह हमेशा अपनी जगह बचाने की मानसिकता के साथ रहता है। इसके उलट जब वह जगह को लेकर आश्वस्त रहता है तो अपने प्रदर्शन पर बेहतर तरीके से ध्यान दे सकता है।’’
रॉबिन उथप्पा ने आईपीएल का उदाहरण दिया
2007 में टी20 विश्व कप विजेता टीम इंडिया का हिस्सा रहे रॉबिन उथप्पा (Robin Uthappa) ने आईपीएल (IPL) का उदाहरण देते हुए कहा, ‘‘आप आईपीएल को ही देख लीजिए ज्यादातर बार ऐसी टीमों ने खिताब जीते है जिसने अंतिम एकादश में कम बदलाव किए हैं। चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) और मुंबई इंडियन्स (MI) की सफलता भी इस बात पर मुहर लगाते है।’’ आईपीएल खिताब को जीतने वाली टीमों का तीन बार हिस्सा रहे उथप्पा ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि खिलाड़ियों में सुरक्षा की भावना देना जरूरी है। पिछले कुछ समय से भारतीय टीम में जो हो रहा उससे खिलाड़ी सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे और अहम मौकों पर उनका प्रदर्शन उभर कर नहीं आता।’’
कुलदीप यादव को लेकर भड़के रॉबिन उथप्पा
भारत लिए 46 एकदिवसीय और 13 टी20 अंतरराष्ट्रीय खेलने वाले रॉबिन उथप्पा (Robin Uthappa) ने अच्छा प्रदर्शन करने के बाद अगले मैच में खिलाड़ियों को टीम से बाहर करने की भी आलोचना की। उन्होंने कहा, ‘‘बांग्लादेश टेस्ट सीरीज में मैन ऑफ द मैच रहने के बाद कुलदीप यादव (Kuldeep Yadav) को टीम से बाहर करने से बड़े स्तर पर एक अच्छा संदेश गया है। आप कुलदीप यादव (Kuldeep Yadav) को एक बार समझा सकते है लेकिन टीम को क्या संदेश जाता है? इससे युवा खिलाड़ियों में एक गलत संदेश जाता है कि मैन ऑफ द मैच लेने के बाद भी टीम में आपकी जगह पक्की नहीं है।’’
भारतीय क्रिकेट से संन्यास का मलाल नहीं
रॉबिन उथप्पा (Robin Uthappa) ने कहा, ‘‘टीम में अंदर क्या हो रहा मुझे इसकी जानकारी नहीं है लेकिन बाहर से मुझे ऐसा ही लगता है। यह जरूर है कि हमारे पास प्रतिभा की कोई कमी नहीं है, लेकिन टीम में जगह को लेकर उन्हें भरोसा होना चाहिए।’’ विदेशी लीग में खेलने के लिए उथप्पा को भारतीय क्रिकेट से संन्यास लेना पड़ा लेकिन उन्हें इसका कोई मलाल नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘ मैं छह महीने में पहली बार प्रतिस्पर्धी क्रिकेट खेलने को लेकर रोमांचित हूं। यह अच्छा टूर्नामेंट है, दुनिया के बेहतरीन खिलाड़ी यहां खेल रहे है।’’
दुबई कैपिटल्स की तरफ से 43 रन की शानदार पारी खेली
रॉबिन उथप्पा (Robin Uthappa) ने कहा, ‘‘यह (विदेशी लीग में खेलने के लिए भारतीय क्रिकेट से संन्यास) तो बीसीसीआई का नियम है, नियम हम नहीं बनाते, लेकिन हमें पालन करना होता है। मुझे एक फैसला करना था तो मैंने यही फैसला किया।’’ उथप्पा ने इस लीग में अपने शुरुआती मुकाबले में 43 रन की शानदार पारी खेली थी। उनकी इस पारी से दुबई कैपिटल्स (DC) ने अबुधाबी नाइट राइडर्स (AKR) को 73 रन के बड़े अंतर से हराया।
भारतीय खिलाड़ियों को बाहर के लीगों में खेलने पर क्या बोले रॉबिन उथप्पा
रॉबिन उथप्पा (Robin Uthappa) ने अगले टी 20 विश्व कप (2024) की तैयारियों के लिए युवा खिलाड़ियों को कैरेबियाई प्रीमियर लीग (CPL) जैसे टूर्नामेंट में खेलने की अनुमति देने की वकालत करते हुए कहा, ‘‘बीसीसीआई विश्व क्रिकेट में इतनी अच्छी स्थिति में है कि वह अपनी जरूरत के हिसाब से भारतीय खिलाड़ियों को बाहर के लीगों में खेलने का मौका दे सकता है। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘ अगला टी20 विश्व कप वेस्टइंडीज और अमेरिका में होगा, ऐसे में कम से कम से कम युवा खिलाड़ियों को कैरेबियाई प्रीमियर लीग में खेलने का मौका दिया जा सकता ह । जिससे उन्हें परिस्थितियों को परखने और दबाव की स्थिति से निपटने का कौशल आएगा।’’