भारत के दिग्गज ऑलराउंडर रविंद्र जडेजा ने 2008 में मलेशिया में भारत के अंडर-19 विश्व कप जीतने वाले अभियान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसके बाद इंडियन प्रीमियर लीग के पहले सत्र में राजस्थान रॉयल्स (RR) ने Gvdusx खरीदा था। ऑलराउंडर ने टी20 लीग में अपना दमखम दिखाते हुए टूर्नामेंट के पहले दो संस्करणों में 430 रन बनाए थे। इसमें पहले सीजन में 131.06 के स्ट्राइक रेट से 135 रन बनाकर अपनी टीम को खिताब दिलाने में मदद करना शामिल है।

जडेजा के कौशल से से राजस्थान रॉयल्स के शेन वॉर्न प्रभावित हुए। वार्न ने जडेजा को “सुपरस्टार इन द मेकिंग” बताया था। जडेजा ने 2009 में श्रीलंका के खिलाफ अपना पहला व्हाइट-बॉल अंतरराष्ट्रीय मैच खेलते हुए भारत के लिए डेब्यू किया। हालांकि, जडेजा इसके बाद आईपीएल से 1 साल के लिए बैन भी हुए। 2010 के सीजन से पहले जडेजा को ‘टीम विरोधी गतिविधियों’ में लिप्त पाया गया। यह खिलाड़ियों के दिशानिर्देशों का उल्लंघन था।

क्या था मामला

जडेजा के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई थी कि उन्हें आईपीएल के नियमों का उल्लंघन करते हुए और अन्य फ्रेंचाइजी के साथ अधिक वेतन के लिए बातचीत करते हुए पाया गया था। उन्हें 2008 में 30,000 अमेरिकी डॉलर में खरीदा गया था। 2009 के सत्र के बाद राजस्थान रॉयल्स के साथ अनुबंधित होने के बावजूद अन्य टीमों के साथ सौदेबाजी करते हुए पाया गया।

रॉयल्स 2010 के अंत तक जडेजा को साइन करना चाहता था, लेकिन क्रिकेटर 2009 तक उनके साथ खेलने के लिए सहमत था। दूसरे सत्र के अंत के बाद जडेजा ने बेहतर सौदों की तलाश शुरू कर दी, जो आचार संहिता के खिलाफ था। वह ऐसा तभी कर सकता थे जब रॉयल्स ने उन्हें जाने दिया होता।

मुंबई इंडियंस के संपर्क में थे जडेजा

आईपीएल की गवर्निंग काउंसिल के एक बयान से पता चला है कि जडेजा, मुंबई इंडियंस के संपर्क में थे। उन्हें जांच के लिए अपने अनुबंध के दस्तावेज भेजे। मुंबई की फ्रेंचाइज़ी से दस्तावेज प्राप्त किए और उनका उपयोग ‘प्रतिनिधित्व के उद्देश्यों’ के लिए किया।

टी20 विश्व कप के लिए चुना गया

आईपीएल गवर्निंग काउंसिल और बीसीसीआई अध्यक्ष के साथ विचार-विमर्श के बाद जडेजा पर एक साल का प्रतिबंध लगाया गया। प्रतिबंध का जडेजा के भारतीय करियर पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ा, क्योंकि उन्हें उस वर्ष आईपीएल में अनुपस्थित रहने के बावजूद 2010 में वेस्टइंडीज में टी20 विश्व कप के लिए चुना गया था। हालांकि, उनका प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा, उन्होंने चार मैचों में सिर्फ नौ रन बनाए और दो विकेट लिए।

चेन्नई सुपर किंग्स ने खरीदा

जडेजा को खराब प्रदर्शन के बाद लगभग 18 महीनों के लिए बारत के टी20 सेटअप से बाहर रखा गया। अक्टूबर 2011 में वापसी हुई। वह आईपीएल 2011 में कोच्चि टस्कर्स की टीम का हिस्सा थे। फ्रेंचाइजी ने उन्हें 950,000 अमेरिकी डॉलर में खरीदा था। अगले वर्ष टस्कर आईपीएल से बाहर होने के बाद जडेजा नीलामी पूल में गए और उन्हें चेन्नई सुपर किंग्स ने 2 मिलियन अमेरिकी डॉलर में खरीदा और इस तरह वे उस वर्ष के सबसे महंगे खिलाड़ी बन गए।