पाकिस्तान के पूर्व स्पिनर सकलैन मुश्ताक भारतीय क्रिकेट टीम के चयनकर्ताओं से नाराज हैं। उन्होंने ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन को वनडे टीम में नहीं रखने पर हैरानी जताई है। मुश्ताक यह नहीं समझ पा रहे हैं कि टेस्ट में सफल एक बेहतरीन गेंदबाज को छोटे फॉर्मेट में क्यों नहीं चुना जा रहा है। अश्विन आईपीएल में तो लगातार खेल रहे हैं, लेकिन भारत के लिए सीमित ओवरों में वे जुलाई 2017 के बाद से नहीं खेले। दूसरी ओर, रविंद्र जडेजा ने ऑलराउंड खेल से अपना स्थान बचाए रखा है।
ऑफ स्पिन में ‘दूसरा’ लाने वाले सकलैन ने कहा, ‘‘आप फिंगर स्पिनर हो या रिस्ट स्पिनर, क्लास हमेशा बरकरार रहता है। आपकी काबिलियत, खेल को समझने की कला ज्यादा महत्वपूर्ण होती है। जब वनडे क्रिकेट से अश्विन को बाहर किया गया तो मैं हैरान था। वे टेस्ट में विकेट लेना जानते हैं, जो कि सीमित ओवरों से मुश्किल काम है। रन रोकने का काम कोई भी कर सकता है लेकिन जो विकेट लेना जानता है, वह रनों पर अंकुश भी लगा सकता है। अश्विन को दोनों आता है। आप उन्हें टीम से बाहर कैसे रख सकते हैं? आपको अपने सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों का समर्थन करना होगा।’’
भारतीय चयनकर्ताओं ने 2017 चैंपियंस ट्रॉफी के बाद टीम में कलाई के स्पिनरों कुलदीप यादव और युजवेंद्र चहल को मौका दिया। दोनों ने सीमित ओवरों के मैच में खुद को साबित भी किया लेकिन 2019 वर्ल्ड कप के बाद एक साथ अंतिम एकादश में जगह बनाने में सफल नहीं रहे। टेस्ट में घरेलू मैदान में अश्विन भारत के नंबर एक स्पिनर है लेकिन विदेशों में खेले जाने वाले टेस्ट में वह अंतिम एकदश में जगह बनाने में संघर्ष करते दिखते हैं।
सकलैन ने कहा, ‘‘उन्होंने भज्जी (हरभजन सिंह) की जगह अश्विन को मौका दिया। अश्विन के साथ कई ऑफ स्पिनरों को आजमाया गया लेकिन कोई भी उनके स्तर का नहीं निकला। मुझे तब भी आश्चर्य हुआ, जब भज्जी को टीम से बाहर किया गया था। अश्विन और भज्जी का गेंदबाजी का तरीका अलग है, दोनों एकसाथ एकादश में शामिल हो सकते थे। जब दाएं हाथ के एक जैसे तेज गेंदबाज एक साथ खेल सकते है तो स्पिनर क्यों नहीं?’’ सकलैन को पूरी उम्मीद है कि अश्विन और जडेजा भारत के लिए 100 टेस्ट जरूर खेलेंगे।