भारतीय टीम के कोच रवि शास्त्री और बीसीसीआई के अध्यक्ष सौरव गांगुली के बीच मतभेद जगजाहिर हैं। शास्त्री की कोचिंग में टीम इंडिया भले ही कोई आईसीसी टूर्नामेंट नहीं जीत पाई हो, लेकिन वो हमेशा अपनी टीम को बेस्ट बताते रहे हैं। इसे लेकर कई बार पूर्व खिलाड़ियों ने उन पर कमेंट भी किए हैं। जब वो टीम के डायरेक्टर थे तो माना जा रहा था कि उन्हें कोच बनाया जाएगा, लेकिन अनिल कुंबले को इसकी जिम्मेदारी दी गई। शास्त्री फिर बाद में कोच बने। शास्त्री ने एक इंटरव्यू में कहा था कि वो सौरव गांगुली के व्यवहार से काफी निराश थे।
दरअसल, 2016 में टीम इंडिया के कोच के चयन के समय गांगुली और शास्त्री के बीच मतभेद सामने आए थे। टीम इंडिया के मौजूदा कोच एक बार ‘इंडिया टीवी’ के कार्यक्रम ‘आप की अदालत’ में गए थे। उस समय कार्यक्रम के होस्ट रजत शर्मा ने उनसे पूछा था, ‘‘आपने सौरव गांगुली को भी धमकी दी थी? उन्होंने कहा था कि शास्त्री ने हमारा अनादर किया।’’ इस पर शास्त्री ने कहा था, ‘‘नहीं, ऐसा नहीं था। मैंने कोई धमकी नहीं दी थी। ये इंटरव्यू था। हमें बोर्ड ने कहा था कि अगर आप दो दिन में कोलकाता नहीं आ सकते हैं तो वीडियो कांफ्रेंसिंग कर सकते हैं।’’
इसके बाद रजत शर्मा ने पूछा था, ‘‘क्या ये घमंड नहीं था। आप बैंकॉक में छुट्टी मना रहे थे। इंडियन टीम के हेड कोच के लिए इंटरव्यू है। ये आपका अहंकार है कि मैं जहां हूं वहीं से दे दूंगा।’’ इस पर शास्त्री ने कहा, ‘‘पहले से सबकुछ प्लान था। मैं वहां था। जब बीसीसीआई से मेल आया तो उसमें लिखा हुआ था, दो दिन का समय है अगर आप नहीं आ सकते हैं तो इस समय आपको वीडियो कांफ्रेंसिंग में आना पड़ेगा। सचिन भी थे वीडियो कांफ्रेंस पर। वीवीएस लक्ष्मण और संजय जगदाले वहीं पर थे। मैंने देखा कि अगर ये लिखा है तो मैं कुछ गलत तो नहीं कर रहा हूं।’’
शास्त्री ने कहा, ‘‘मैं निराश इसलिए हुआ था कि सचिन जी इंग्लैंड से 6-7 घंटा बैठ सकते हैं। लक्ष्मण वहां थे और सौरव नहीं था तो मुझे दुख हुआ। मुझे चयन को लेकर कोई फर्क ही नहीं पड़ता था। वो माने हुए क्रिकेटर्सहैं और उन्हें पता है कि किसे चुनना और किसे नहीं चुनना है। मैं निराश इसलिए था कि एक आदमी ने देश के लिए 18 या 20 महीना अच्छा काम किया। उसे कम से कम इज्जत तो मिलनी चाहिए थी।’’