35 साल के धवल कुलकर्णी के प्रथम श्रेणी करियर का अंत किसी परीकथा जैसा हुआ। कप्तान अजिंक्य रहाणे ने उनके लिए इस अवसर को यादगार बना दिया। धवल ने 14 मार्च 2024 को मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में मैच के 5वें दिन अंतिम विकेट लेने के लिए धवल कुलकर्णी को गेंद सौंपी।
धवल ने कप्तान के फैसले को सही साबित किया और तीसरी ही गेंद पर उमेश यादव का ऑफ स्टम्प गिरा दिया। इस तरह धवल कुलकर्णी ने रणजी ट्रॉफी चैंपियन के रूप में अपने प्रथम श्रेणी क्रिकेट करियर को विराम दिया। मुंबई के इस तेज गेंदबाज ने विदर्भ के खिलाफ फाइनल में 4 विकेट लिए।
अपने अंतिम रणजी ट्रॉफी मैच में अंतिम विकेट लेने के बाद धवल कुलकर्णी खुद पर काबू नहीं रख पाए। उनकी आंखों से आंसू छलक आए। मुंबई ने जहां 42वीं बार रणजी ट्रॉफी का खिताब जीता, वहीं धवल कुलकर्णी का छठे रणजी ट्रॉफी फाइनल में यह पांचवां खिताब था।

धवल कुलकर्णी ने अपने प्रथम श्रेणी करियर का अंत 95 मैच में 281 विकेट के आंकड़े के साथ किया। साल 2008 में प्रथम श्रेणी करियर की शुरुआत करने के बाद धवल तेज गेंदबाजी आक्रमण का नेतृत्व करने के मामले में मुंबई के लिए एक मार्गदर्शक रहे। उन्होंने 15 बार पांच और और 10 विकेट लिए। हालांकि, रोहित शर्मा का यह जिगरी दोस्त कभी देश के लिए टेस्ट क्रिकेट नहीं खेल पाया।
धवल कुलकर्णी ने मैच के बाद ब्रॉडकास्टर्स को बताया, ‘एक क्रिकेटर का सपना होता है कि वह शानदार शुरुआत करे और शानदार प्रदर्शन के साथ अंत करे। यह मेरा छठा फाइनल है। हमने पांचवीं बार जीत हासिल की है। यह मेरे लिए बहुत बड़ी बात होगी।’ धवल ने बताया, ‘यह एक बेहतरीन जेस्चर था। मुझे उम्मीद नहीं थी कि रहाणे मुझे गेंद देंगे।’
रहाणे ने धवल के लिए यादगार बनाया अंतिम मैच
धवल ने कहा, ‘तुषार को सलाम जिन्होंने अपने आखिरी दो ओवरों में दो विकेट लेने के बावजूद गेंद मुझे दी।’ अजिंक्य रहाणे के लिए धवल ने कहा, ‘उन्हें सलाम। उन्होंने मुझसे कहा- आपने इतने वर्षों तक हमारे गेंदबाजी आक्रमण का नेतृत्व किया है, इसलिए इस ओवर में भी हमारा नेतृत्व करें।’ धवल ने बताया, ‘मैंने बड़े सितारों के साथ खेलकर काफी अनुभाव हासिल किया। उन्होंने मेरे साथ काफी अनुभव साझा किया है और मैंने वही अनुभव युवाओं को भी दिया है।’