PV Sindhu Won Bronze Medal Badminton Asia Championships: दो बार की ओलंपिक पदक विजेता पीवी सिंधू 30 अप्रैल 2022 को मनीला में खेले गए सेमीफाइनल में जापान की शीर्ष वरीयता प्राप्त अकाने यामागुची से हार गईं। इस हार के बाद पीवी सिंधु को बैडमिंटन एशिया चैंपियनशिप में कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा। पीवी सिंधू गत चैंपियन अकाने यामागुची के खिलाफ मैच के दौरान पहला गेम आसानी से जीत लिया था।

पीवी सिंधू दूसरे गेम में भी 13-11 से आगे थीं। हालांकि, इसी स्कोर पर पीवी सिंधू की पेनल्टी को लेकर रेफरी से बहस हो गई। जब मैच दोबारा शुरू हुआ तो सिंधू ने अपनी लय खो दी, जबकि यामागुची को अपनी प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ फिर से लय में लौटने का मौका दे दिया। हालांकि, पीवी सिंधू ने 19-19 से बराबरी की, लेकिन यामागुची ने लगातार दो अंक हासिल कर दूसरा गेम जीत लिया।

रेफरी ने सिंधू को समय बर्बाद करने का दोषी पाया और एक पॉइंट की पेनल्टी लगाई। सिंधु के लिए इस एक पॉइंट पेनल्टी ने मैच का रंग पूरी तरह से बदल दिया। सिंधू निर्णायक मुकाबले में कभी भी लीड नहीं ले पाईं। जब वह 7-11 से पीछे थीं। इसके बाद यामागुची ने तीन अंक लिए और सिंधू 2 अंक ही ले पाईं।

इससे स्कोर यामागुची के 14-9 का हो गया है। हालांकि, इसके बाद सिंधू ने वापसी की कोशिश की। उन्होंने लगातार तीन पॉइंट लेकर यामागुची की लीड (12-15) कम की। हालांकि, स्कोर जब यामागुची के पक्ष में 18-14 था। इसके बाद सिंधू सिर्फ एक अंक बना पाईं, जबकि यामागुची ने 3 पॉइंट लेकर मैच अपने नाम कर लिया।

पीवी सिंधू एक घंटे 6 मिनट तक चले सेमीफाइनल में शीर्ष वरीय और दुनिया की दूसरे नंबर की खिलाड़ी यामागुची से 21-13 19-21 16-21 से हार गईं। इस टूर्नामेंट में सिंधू का यह दूसरा पदक है। सिंधू ने इससे पहले 2014 गिमचियोन में भी कांस्य पदक जीता था। इस हार के बाद पीवी सिंधू और अकाने यामागुची के बीच जीत का रिकॉर्ड 13-9 हो गया है। पीवी सिंधू की हार से भारत की इस महाद्वीपीय चैंपियनशिप (सिंगल्स वर्ग) में चुनौती भी समाप्त हो गई।

एशियाई चैंपियनशिप में पदक जीतने वाले भारतीयों की सूची

  • दिनेश खन्ना- स्वर्ण पदक (1965), कांस्य पदक (1969)
  • सुरेश गोयल – कांस्य पदक (1965)
  • मीना शाह – कांस्य पदक (1965)
  • ओवेन रोंकॉन और सरोजिनी आप्टे – कांस्य पदक (1965)
  • एआई शेख और अचला कार्णिक – कांस्य पदक (1965)
  • दीपू घोष और रमन घोष – कांस्य पदक (1971)
  • प्रकाश पादुकोण – कांस्य पदक (1976)
  • सैयद मोदी और प्रकाश पादुकोण – रजत पदक (1978)
  • पुलेला गोपीचंद – कांस्य पदक (2000)
  • अनूप श्रीधर – कांस्य पदक (2007)
  • साइना नेहवाल – कांस्य पदक (2010, 2016, 2018)
  • पीवी सिंधू – कांस्य पदक (2014), कांस्य पदक (2022)
  • ज्वाला गुट्टा और अश्विनी पोनप्पा – कांस्य पदक (2014)
  • एचएस प्रणय – कांस्य पदक (2018)

बैडमिंटन एशिया चैंपियनशिप में स्वर्ण जीतने वाले एकमात्र भारतीय शटलर दिनेश खन्ना हैं। उन्होंने टूर्नामेंट के दूसरे सीजन में यानी 1965 में यह उपलब्धि अपने नाम की थी। तब दिनेश खन्ना ने 14 नवंबर को लखनऊ में फाइनल में थाइलैंड के सांगोब रतनसुर्न को 15-3, 15-11 से हराया था। दिनेश खन्ना बाद में 1969 में मनीला में हुई चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतने में सफल रहे।