पेरी गोयल 2008 में विराट कोहली की अगुआई वाली अंडर-19 वर्ल्ड कप चैंपियन टीम का हिस्सा थे। हालांकि, वह पिछले एक दशक से क्रिकेट मैदान से दूर हैं। मूल रूप से पटियाला के रहने वाले पेरी गोयल अपने परिवार का बिजनेस संभाल रहे हैं। इसमें उनके पिता राधे श्याम गोयल द्वारा शुरू की गई होटलों की चेन और रियल एस्टेट कारोबार भी शामिल है।
पेरी गोयल ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, ‘एक क्रिकेटर के रूप में, अलग जीवन जीता है। यह अक्सर बाहरी दुनिया में जो हो रहा है उससे अलग होता है। मैंने क्रिकेट छोड़ने का फैसला बहुत सोच-समझकर लिया था। मेरा हमेशा से मानना था कि लक्ष्य सिर्फ किसी टीम में शामिल होने का नहीं, बल्कि 50-100 मैच खेलने का होना चाहिए। जब मैं इसे हासिल नहीं कर पाया तो मैंने छोड़ने का फैसला किया।’
एसपी जैन इंस्टीट्यूट, मुंबई से फैमिली बिजनेस मैनेजमेंट में एमबीए करने वाले पेरी गोयल कहते हैं, ‘शुरुआत में मुझे अप्रूवल, कंस्ट्रक्शन प्रोसेस, सेल्स नेटवर्क जैसी चीजों को समझने में थोड़ा वक्त लगा, लेकिन समय के साथ मैंने इसे सीख लिया।’ पेरी गोयल एक विकेटकीपर बल्लेबाज थे। उन्होंने रितेंदर सिंह सोढ़ी के पिता, कोच महेश इंदर सिंह की निगरानी में ट्रेनिंग शुरू की थी।
पेरी गोयल पंजाब की ओर से अंडर-15, अंडर-17 और अंडर-19 टीम में खेले, लेकिन सूबे की सीनियर टीम की ओर से खेलने का मौका नहीं मिला। हालांकि, उन्होंने बुची बाबू क्रिकेट टूर्नामेंट में पीसीए का प्रतिनिधित्व किया। आईसीसी 2008 अंडर-19 विश्व कप उनका एकमात्र अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट है।
अपने अंडर-17 दिनों के दौरान पेरी गोयल ने पहली बार विराट कोहली को पटियाला में एक टूर्नामेंट के दौरान देखा था। उन्होंने बताया, ‘विराट कोहली ने वहां दोहरा शतक लगाया। बाद में जब मैं अंडर-17 इंडिया कैंप का हिस्सा था तो विराट अंडर-19 जोनल टूर्नामेंट में हिस्सा लेने आए। उस टूर्नामेंट के बाद इंग्लैंड दौरे के लिए भारत की अंडर-19 टीम का चयन होना था और विराट की फॉर्म अच्छी नहीं थी।’
पेरी गोयल ने बताया, ‘टीम की घोषणा से एक दिन पहले, कुछ साथियों ने विराट कोहली की खराब फॉर्म के बारे में बात की थी। तब विराट ने जवाब दिया था, मैं दोहरा शतक लगाऊंगा और इंग्लैंड जाने वाली फ्लाइट में रहूंगा। अगले दिन वही हुआ।’ अंडर -19 विश्व कप में, पेरी गोयल एक भी मैच नहीं खेल पाए, क्योंकि विकेटकीपर श्रीवत्स गोस्वामी ने सभी गेम खेले।
पेरी गोयल ने बताया, ‘टूर्नामेंट तब हुआ जब मेरी इकलौती बहन की शादी होनी थी। मैं शादी में भी शामिल नहीं हो पाया। मुझे इसी बात का पछतावा है।’ पेरी गोयल कहते हैं, ‘श्रीवत्स ने पहले के टूर्नामेंट्स में अच्छा प्रदर्शन किया था, वह पहली पसंद विकेटकीपर थे। हमारे कोच डेव व्हाटमोर ने भी यही बताया और मैं समझ गया।’
उन्होंने बताया, ‘हम यह भी समझ गए थे कि टीम की जीत भी हमारी ही होती है। जब भी मेरी मां फोन करती थीं तो वह मुझसे सिर्फ वर्ल्ड कप घर लाने को कहती थीं। यहां तक कि उन्होंने मेरी बहन की शादी के बारे में भी बात नहीं की।’
पेरी गोयल सोशल मीडिया के जरिए अपने 2008 अंडर-19 टीम के साथियों के संपर्क में रहते हैं। उन्होंने बताया, ‘मैं 2015 में किंग्स इलेवन पंजाब (अब पंजाब किंग्स) मैनेजमेंट में शामिल हुआ। आईपीएल के दौरान अपने अधिकांश अंडर-19 टीम के साथियों से मिला। हम सभी सोशल मीडिया के जरिए संपर्क में रहते हैं और अपनी खुशी के पलों को साझा करते हैं।’
पेरी गोयल ने बताया, ‘हाल ही में जब विराट ने कप्तानी छोड़ी तो हम सभी ने उनके इस कदम का समर्थन किया।’ पेरी गोयल के लिए अंडर-19 वर्ल्ड कप जीतना एक अलग मेमोरी है। उन्होंने बताया, ‘क्रिकेट ने मुझे अनुशासन सिखाया। इससे मुझे बहुत मदद मिली। मैं अपने साथ भारतीय तिरंगा मलेशिया ले गया था। ट्रॉफी जीतने के बाद अपने साथियों के साथ तिरंगा लहराना मेरी सबसे बड़ी याद है।’