COVID-19 महामारी ने दुनिया भर में कहर बरपाया है। इसने कुछ समय के लिए सभी खेल गतिविधियों को भी रोक दिया। हालांकि, फिर से खेल शुरू हुए हैं, लेकिन उसमें हिस्सा लेने वाले किसी सीरीज या टूर्नामेंट की तैयारी शुरू करें इससे पहले उनकी COVID-19 जांच (कोरोना टेस्ट) अनिवार्य की गई है। इस संबंध में सभी क्रिकेटिंग निकाय अपने राष्ट्रीय खिलाड़ियों को जैव-सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करने के लिए भारी मात्रा में धन खर्च कर रहे हैं।
इस बीच पाकिस्तान के घरेलू टूर्नामेंट, यानी नेशनल टी 20 कप से पहले आई खबरों में दावा किया गया कि पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) ने 240 खिलाड़ियों, अधिकारियों, हितधारकों को खुद के खर्चे पर COVID-19 परीक्षण कराने के लिए कहा है। हालांकि, अब ऐसी रिपोर्टों को गलत बताया जा रहा है। पाकिस्तान क्रिकेट के एक वरिष्ठ पत्रकार, साज सादिक ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से इस संबंध में जानकारी दी। वहीं, पीसीबी ने कहा है कि वह डोमेस्टिक सीजन के लिए खिलाड़ियों की कोरोना जांच पर करीब 1.5 करोड़ रुपए खर्च करेगा।
पीसीबी के डायरेक्टर (हाई परफॉर्मेंस) नदीम खान के अनुसार, नेशनल टी 20 कप, नेशनल अंडर-19 तीन दिवसीय और एकदिवसीय प्रतियोगिताएं, कायदे-आजम ट्रॉफी और पाकिस्तान कप वनडे टूर्नामेंट में हिस्सा लेने वाले हर खिलाड़ी को कोरोना टेस्ट से गुजरना होगा। कम से कम दो बार टेस्ट होगा। टूर्नामेंट के दौरान भी खिलाड़ियों की रैंडम टेस्टिंग की जा सकती है। नदीम ने कहा, एक कोविड-19 परीक्षण की न्यूनतम लागत 6,000 रुपए है। यदि आप सीजन के दौरान खिलाड़ियों, सपोर्टिंग स्टाफ और मैच अधिकारियों पर किए जाने वाले परीक्षणों की संख्या को जोड़ें तो करीब लगभग 1.5 करोड़ रुपए खर्च होंगे।
वहीं सादिक ने अपने ट्वीट में स्पष्ट किया, ‘ऐसी खबरें जिनमें कहा गया है कि पीसीबी ने खिलाड़ियों, अधिकारियों और अन्य हितधारक, जो इस महीने के अंत में नेशनल टी 20 कप में हिस्सा लेंगे, से स्वयं के खर्चे पर कोविड-19 टेस्ट कराने के लिए कहा है, गलत हैं। दरअसल, वे पहले खुद के खर्चे पर कोरोना टेस्ट कराएंगे। बाद में पीसीबी उन सभी लागतों की प्रतिपूर्ति (रीइंबर्स्मेंट) करेगा।’ सादिक ने इस ट्वीट को #Cricket #Covid_19 पर टैग भी किया।
इससे पहले खबरों में कहा गया था कि पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) की आर्थिक स्थिति खराब होती जा रही है। पाकिस्तान में 30 सितंबर से रावलपिंडी और मुल्तान में नेशनल टी 20 चैंपियनशिप शुरू होनी है। चैंपियनशिप से पहले खिलाड़ियों और अधिकारियों को शुरुआती दो कोरोना टेस्ट कराना अनिवार्य है। पहले टेस्ट के लिए पैसे चुकाने होंगे, जबकि दूसरी जांच का खर्च बोर्ड उठाएगा। सूत्रों की मानें तो बोर्ड के पास कोरोना टेस्ट के लिए लैबोरेटरी और हॉस्पिटल की सुविधा भी नहीं है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आर्थिक तंगी के चलते पीसीबी ने हाल ही में अपने 5 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया था। बोर्ड में इस समय करीब 800 लोग काम करते हैं। सभी के परफॉर्मेंस पर नजर रखी जा रही है। पीसीबी ने गैरजरूरी और खराब परफॉर्मेंस वाले कर्मियों को निकालने की तैयारी की है।
पीसीबी के एक पदाधिकारी ने कहा था कि बोर्ड की आर्थिक हालत अच्छी नहीं है। यदि यही स्थिति रही तो पीसीबी 2 से 3 साल तक चल सकता है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो भारत-पाकिस्तान के बीच सीरीज नहीं होने से पीसीबी को करीब 90 मिलियन डॉलर (करीब 663 करोड़ रुपए) का नुकसान हुआ है। दोनों देशों के बीच तनाव के कारण क्रिकेट नहीं खेला जा रहा है।