एफसी गोवा के सह मालिक श्रीनिवास डेम्पो और दत्ताराज सालगांवकर ने शुक्रवार (22 जुलाई) को पिछले साल के फाइनल के बाद ‘टूर्नामेंट की साख खराब करने’ के आरोप में लगा प्रतिबंध हटाए जाने के तुरंत बाद इंडियन सुपर लीग टीम से अपनी हिस्सेदारी वापिस ले ली। मई में एफसी गोवा पर 11 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया गया था जबकि उसके सह मालिकों श्रीनिवास डेम्पो और दत्ताराज सालगांवकर पर क्रमश: दो और तीन सत्र का प्रतिबंध लगाया गया था। उन पर टूर्नामेंट की छवि खराब करने का आरोप था।

इंडियन सुपर लीग फुटबॉल नियामक आयोग ने फुटबाल स्पोर्ट्स डेवलपमेंट लिमिटेड की अपील पर फैसले पर पुनर्विचार किया। एफएसडीएल आईएमजी रिलायंस और स्टार इंडिया तथा एफसी गोवा का संयुक्त उपक्रम है। आईएसएल 2015 का फाइनल हिंसा और विवादों से भरा रहा जब एफसी गोवा और चेन्नइयिन एफसी के अधिकारी और खिलाड़ी आपस में उलझ गए थे। एफसी गोवा ने पुरस्कार वितरण समारोह में भी भाग नहीं लिया था।

सालगांवकर और डेम्पो ने एक संयुक्त बयान में कहा,‘20 दिसंबर 2015 को हुए फाइनल के बाद के घटनाक्रम से हम काफी दुखी हैं। हमारे परिवार, एफसी गोवा टीम और गोवा के लोग सभी। अपने प्रशंसकों और टीम के हित में भारी दुख के साथ हमने एफसी गोवा छोड़ने का फैसला किया है।’ऐसा समझा जाता है कि यह सुनियोजित कदम था और दोनों ने अपीली पेनल से अपनी की थी कि उन पर से प्रतिबंध का बोझ हटा दिया जाए ताकि वे ससम्मान रुखसत हो सकें। अब टीम के मालिक सिर्फ वीडियोकॉन और क्रिकेटर विराट कोहली हैं।