भारतीय क्रिकेट टीम को पहली बार विश्व विजेता बनाने वाले कप्तान कपिल देव की नाबाद 175 रन की पारी फैंस के दिमाग में कैद है। वह पारी 1983 में भारतीय टीम के वर्ल्ड कप जीतने की राह का एक अहम पड़ाव थी। दरअसल, जिस मैच में कपिल देव ने भारत को संकट से उबारा था, अगर वह मैच हार जाता तो टीम इंडिया वर्ल्ड कप फाइनल में पहुंचने की रेस से ही बाहर हो जाती।
कपिल देव ने हालांकि, 1983 वर्ल्ड कप ही नहीं, 1992 में पाकिस्तान के खिलाफ मैच में भी यादगार पारी खेली थी। उनकी और सचिन तेंदुलकर की साझेदारी की बदौलत ही उस वर्ल्ड कप भारतीय क्रिकेट टीम इमरान खान की अगुआई वाली पाकिस्तान को शिकस्त देने में सफल हुई थी। उस मैच में एक समय भारत ने 39.4 ओवर में 148 रन पर 5 विकेट गंवा दिए थे। तब ऐसा लग रहा था कि भारतीय टीम 200 रन के अंदर भी ढेर हो जाएगी। तभी सातवें नंबर पर बल्लेबाजी करने आए कपिल देव ने सचिन तेंदुलकर के साथ 8 ओवर में 60 रन की साझेदारी की।
कपिल देव ने 2 चौके और एक छक्के की मदद से 26 गेंद में 35 रन बनाए। खास यह था कि उस मैच में दोनों टीमों की ओर से सिर्फ एक छक्का लगा था, जो कपिल देव के बल्ले से निकला था। उस मैच में सचिन तेंदुलकर 3 चौके की मदद से 62 गेंद में नाबाद 54 रन बनाए थे। उस मैच में अर्धशतकीय पारी खेलने वाले सचिन तेंदुलकर इकलौते बल्लेबाज थे। कपिल और सचिन की साझेदारी की ही बदौलत भारतीय टीम पाकिस्तान को 217 रन का लक्ष्य देने में सफल रही थी।
कपिल देव ने बल्लेबाजी में ही नहीं गेंदबाजी में भी शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने 10 ओवर में महज 30 रन देकर 2 विकेट (इंजमाम उल हक और मोइन खान) चटकाए। कपिल देव ने अपने दूसरे ओवर की पहली ही गेंद पर इंजमाम को पवेलियन भेजकर पाकिस्तान की शुरुआत खराब कर दी। छठे ओवर में मनोज प्रभाकर ने जाहिद फजल को किरन मोरे के हाथों स्टम्प करा पाकिस्तान की हालत पतली कर दी।
हालांकि, इसके बाद आमिर सोहेल और जावेद मियांदाद ने पाकिस्तान पारी को संभाला। दोनों ने तीसरे विकेट के लिए 88 रन की साझेदारी की। इस साझेदारी को 31वें ओवर में सचिन तेंदुलकर ने तोड़ा। इसके बाद पाकिस्तान की ओर से कोई भी बड़ी साझेदारी नहीं हो पाई और पूरी टीम 48.1 ओवर में 173 रन पर सिमट गई। बता दें कि आईसीसी वर्ल्ड कप में आज तक भारतीय टीम पाकिस्तान से एक मैच भी नहीं हारी है।