भारत और वेस्टइंडीज के बीच 2 मैच की सीरीज का दूसरा टेस्ट आज से जमैका में किंगस्टन के सबीना पार्क में खेला जाना है। इस मैच में हनुमा विहारी का खेलना तय है। हनुमा ने पहले टेस्ट में भी शानदार प्रदर्शन किया था। उन्होंने पहली पारी में 32 और दूसरी पारी में 93 रन बनाए थे। हनुमा ने अब तक 5 टेस्ट मैच ही खेले हैं, लेकिन इतने कम अनुभव के बावजूद उनकी गिनती टीम इंडिया के भरोसेमंद खिलाड़ियों में होने लगी है। आज रोहित शर्मा पर उनको तरजीह दी जा रही है।
हनुमा के एक आम क्रिकेटर से स्टार बल्लेबाज की कहानी भी कम रोचक नहीं है। 25 साल के हनुमा ने 2010 में फर्स्ट क्लास क्रिकेट में डेब्यू किया था। 2012 में उन्हें अंडर-19 वर्ल्ड कप में खेलने का मौका मिला। तब हनुमा किस्मत के सहारे भारत की अंडर-19 टीम में चुने गए थे। दरअसल, पहले हनुमा का नाम अंडर-19 टीम में नहीं था। इसी दौरान टीम में शामिल मनन वोहरा का अंगूठा चोटिल हो गया। ऐसे में हनुमा को कॉल किया गया।
हालांकि, हनुमा अंडर-19 वर्ल्ड कप 2012 में कोई कमाल नहीं कर पाए। वे 6 मैच में महज 71 रन ही बना पाए, लेकिन सनराइजर्स हैदराबाद ने उनमें छिपी प्रतिभा पहचान ली। उसने 2013 आईपीएल के लिए हनुमा को अपनी टीम का सदस्य बनाया। लीग में सनराइजर्स हैदराबाद के दूसरे मैच में हनुमा ने बल्ले और गेंद दोनों से शुरुआत की और मैन ऑफ द मैच का पुरस्कार भी जीता। उस दिन के बाद से हनुमा ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और आज टीम इंडिया में अपनी जगह पक्की करते दिख रहे हैं। हनुमा क्रिस गेल को गोल्डन डक पर आउट करने वाले एकलौते नॉन रेग्युलर इंडियन ऑफ ब्रेक बॉलर हैं।
पहले टेस्ट की दोनों पारियों में उन्होंने ऐसे समय टिककर बल्लेबाजी की, जब टीम इंडिया संकट में थी। पहली पारी में टीम इंडिया के 100 रन के भीतर 4 विकेट गिर चुके थे। ऐसे में हनुमा ने अजिंक्य रहाणे के सा मिलकर 82 रन की साझेदारी की और टीम को सम्माजनक स्कोर तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई। दूसरी पारी में भी उन्होंने रहाणे के साथ मिलकर पहले 135 रन की साझेदारी की और टीम के स्कोर को 300 के पार पहुंचाया।