इंडियन क्रिकेट टीम को पहली बार वर्ल्ड चैंपियन बनाने वाले दिग्गज कपिल देव रविवार को अहमदबाद को नरेंद्र मोदी स्टेडियम में वर्ल्ड कप फाइनल देखने नहीं पहुंचे। उन्होंने कहा कि उन्हें मैच देखने के लिए नहीं बुलाया गया। भारतीय टीम तीसरी बार वर्ल्ड चैंपियन बनने से एक कमद दूर है। चैंपियन बनने के लिए ऑस्ट्रेलिया को उसे हराना है।
खबरों के मुताबिक भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने सभी पूर्व विश्व कप विजेता कप्तानों को इनिंग ब्रेक के दौरान सम्मानित करने की योजना बनाई है, ऐसे में कपिल देव के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में न पहुंचने से सवाल खड़े हुए हैं। कपिल देव ने बयान देते हुए कहा कि वह चाहते थे कि 83 की पूरी टीम वहां हो, लेकिन कई बार लोग बहुत व्यस्त होते हैं और वे भूल जाते हैं।
क्या कहा कपिल देव ने?
कपिल देव से जब सवाल किया गया कि वह भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच फाइनल देखने क्यों नहीं पहुंचे तो उन्होंने जवाब दिया, “मुझे वहां आमंत्रित नहीं किया गया था। उन्होंने मुझे नहीं बुलाया इसलिए मैं नहीं गया। सीधी बात है। मैं चाहता था कि पूरा ’83’ मेरे साथ रहे, लेकिन मुझे लगता है कि यहबड़ा आयोजन है और लोग जिम्मेदारियां संभालने में इतने व्यस्त हैं कि कभी-कभी वे भूल जाते हैं।”
183 रन ही बना पाया था भारत
25 जून 1983 को कपिल देव की कप्तानी में भारत ने सितारों से सजी वेस्टइंडीज की टीम को हराकर पहली बार विश्व कप जीतकर इतिहास रचा था। यह मैच ऐतिहासिक लॉर्ड्स स्टेडियम में खेला गया। भारत ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। टीम ने अच्छी शुरुआत की, लेकिन वेस्टइंडीज के गेंदबाजों ने उन्हें 183 रन पर रोक दिया।
43 रन से जीता था भारत
एंडी रॉबर्ट्स, मैल्कम मार्शल, माइकल होल्डिंग और जोएल गार्नर ने गेंद से अच्छा प्रदर्शन किया। वेस्टइंडीज कीट लक्ष्य का पीछा करते हुए संघर्ष करती दिखी और 43 रन से हार गई। भारत ने मैच जीत लिया। 1983 विश्व कप में भारत की जीत एक बड़ा उलटफेर थी, लेकिन यह देश के लिए एक ऐतिहासिक क्षण भी था। यह पहली बार था कि भारत ने विश्व कप जीता था और इसने भारतीय क्रिकेट को मानचित्र पर लाने में मदद की।