आईपीएल के टाइटल प्रायोजक पेप्सी के अगले साल के संस्करण से कथित तौर पर हटने की खबरें सामने आने के बाद भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने शुक्रवार को एक बयान जारी कर स्पष्ट किया कि वह पेप्सी की चिंताओं को दूर करने के लिए हर संभव कदम उठा रही है।

बीसीसीआई ने बयान में कहा कि हमारा पेप्सी के साथ दीर्घकालीन और सौहार्दपूर्ण संबंध है। पेप्सीको ने बीसीसीआई के साथ अपनी कुछ चिंताओं को उठाया था।

हम पेप्सी को आश्वासन देते हैं कि उसकी चिंताओं को दूर करने के लिए हर संभव कदम उठाए जाएंगे। हम लीग और पेप्सीको के हितों को बचाने के लिए जरूरी हल निकालेंगे।

बोर्ड ने कहा कि इस प्रक्रिया के तहत बीसीसीआई और पेप्सीको के बीच सौहार्दपूर्ण बातचीत चल रही है और इस संदर्भ में ताजा जानकारी से निर्धारित समय में अवगत कराया जाएगा। बोर्ड के हालांकि यह स्पष्ट नहीं किया कि किन मुद्दों पर बातचीत चल रही है।

उल्लेखनीय है कि पेप्सी ने 2012 में आईपीएल के टाइटल प्रायोजन अधिकार पांच वर्षों (2013-2017) के लिए 397 करोड़ रुपए में खरीदे थे जो पिछले प्रायोजक डीएलएफ से लगभग दोगुने थे। इस बीच आईपीएल के अध्यक्ष राजीव शुक्ला ने कहा कि हम पेप्सी के साथ लगातार संपर्क में हैं और हल निकालने पर काम कर रहे हैं।

हम उनकी चिंताओं को दूर करेंगे और वे हमारी चिंताओं को दूर करेंगे। मेरा मानना है कि बातचीत सही दिशा में आगे बढ़ रही है। वे हमारी दीर्घकालीन पार्टनर हैं और मुझे लगता है कि जल्दी ही हल निकल आएगा।

मीडिया रिपोटरें में ऐसी खबरें थीं कि पेप्सी आईपीएल के 2016 संस्करण से अलग होना चाहती है और उसके लिए कंपनी ने बीसीसीआई को एक पत्र भी लिखा है। इन खबरों के बाद बीसीसीआई ने एक संक्षिप्त बयान जारी कर कहा कि पेप्सी की चिंताओं को दूर किया जा रहा है और दोनों का गठबंधन बना रहेगा।

माना जा रहा है कि कंपनी ने आईपीएल के स्पॉट फिक्सिंग और भ्रष्टाचार जैसे आरोपों में फंसने के कारण यह फैसला लिया है क्योंकि इससे लीग की छवि काफी दागदार हुई है।

रिपोटरें के अनुसार पेप्सी ने आईपीएल के मुख्य संचालन अधिकारी सुंदर रमन को वर्ष 2016 के संस्करण के लिए टाइटल प्रायोजन छोड़ने की जानकारी दी है। रमन ने बीसीसीआई के नए अध्यक्ष शशांक मनोहर को इसकी जानकारी दे दी है।

आईपीएल-6 में भ्रष्टाचार की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट की गठित जस्टिस लोढ़ा समिति ने जांच में दोषी पाते हुए आईपीएल की दो टीमों चेन्नई सुपरकिंग्स और राजस्थान रॉयल्स को दो-दो वर्ष के लिए निलंबित भी कर दिया है। ऐसे में अगले संस्करण के प्रारूप को लेकर वैसे भी बोर्ड असमंजस की स्थिति में हैं।