भारत के पूर्व क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग ने लखनऊ के इकाना स्टेडियम में लखनऊ सुपर जायंट्स (LSG) बनाम रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) मैच के दौरान हुए विराट कोहली-गौतम गंभीर के विवाद पर निराशा जताई है। सहवाग ने कोहली और गंभीर को आइकन बताते हुए कहा कि देश के लाखों युवा दोनों को फॉलो करते हैं, ऐसे में उन्हें इस तरह का व्यवहार नहीं करना चाहिए। टीम इंडिया के पूर्व ओपनर ने अपने बच्चों का हवाला देते हुए कहा कि वह भी समझते हैं कि क्या चल रहा है। उन्हें ‘बेन स्टोक्स’ का मतलब भी पता है। सहवाग ने कहा कि ऐसी चीजें न हो इसलिए बीसीसीआई को कड़ा कदम उठाना चाहिए। खिलाड़ियों को बैन करने से ऐसी घटनाएं कम होंगी।

सहवाग ने क्रिकबज पर कहा, “मैच खत्म होते ही मैंने टीवी बंद कर दिया। मैच के बाद क्या हुआ मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी। अगले दिन जब मैं उठा तो सोशल मीडिया पर काफी बवाल देखा। जो हुआ वह ठीक नहीं था। हारने वाले को चुपचाप हार मान लेनी चाहिए और चले जाना चाहिए और जीतने वाली टीम को जश्न मनाना चाहिए।”

ये लोग देश के आइकॉन हैं

सहवाग ने यह भी कहा, “उन्हें एक-दूसरे से कुछ कहने की जरूरत क्यों पड़ी? मैं हमेशा एक बात कहता हूं कि ये लोग देश के आइकॉन हैं। अगर वे कुछ करते या कहते हैं, तो लाखों बच्चे उन्हें फॉलो करते हैं और शायद सोचते हैं कि ‘अगर मेरे आइकन ने ऐसा किया है, तो मैं भी करूंगा’। इसलिए अगर वे इन बातों को ध्यान में रखेंगे तो ऐसी घटनाएं कम होंगी।”

मेरे बच्चे ‘बेन स्टोक्स’ को अच्छी तरह समझते हैं : सहवाग

सहवाग ने आगे कहा, “अगर बीसीसीआई किसी पर बैन लगाने का फैसला करता है तो शायद ऐसी घटनाएं कभी-कभार ही होंगी या बिल्कुल भी नहीं होंगी। इस तरह की घटनाएं पहले भी कई बार हो चुकी हैं। आप ड्रेसिंग रूम जो चाहें करें, लेकिन जब आप मैदान पर होते हैं तो ये चीजें अच्छी नहीं लगतीं। मेरे अपने बच्चे लिप-रीड कर सकते हैं और वे ‘बेन स्टोक्स’ को अच्छी तरह समझते हैं। इसलिए मुझे बुरा लगता है। अगर आप ऐसी बातें कह रहे हैं, अगर मेरे बच्चे इसे पढ़ सकते हैं, तो दूसरे भी पढ़ सकते हैं और कल वे सोचेंगे कि अगर वे (कोहली और गंभीर) ऐसा कह सकते हैं, तो मैं भी कर सकता हूं।”