आस्ट्रेलिया के महान क्रिकेटर और चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) के पूर्व ओपनर मैथ्यू हेडन का मानना है कि महेंद्र सिंह धोनी एक जादूगर हैं, जो किसी और के कचरे को सोने में बदल देते हैं। चेन्नई सुपर किंग्स की कामयाबी में उनका इतना योगदान है कि बतौर खिलाड़ी फ्रेंचाइजी के साथ उनके भविष्य की बातें लगभग अप्रासंगिक है। धोनी की कप्तानी में सीएसके दसवीं बार आईपीएल फाइनल में पहुंची है । टूर्नामेंट की शुरूआत में टीम की गेंदबाजी कमजोर थी, लेकिन धोनी ने उसी से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करा लिया।
बल्लेबाजी में भी अजिंक्य रहाणे और शिवम दुबे का जिस तरह से इस्तेमाल किया गया, उसकी हर जगह तारीफ हो रही है। टूर्नामेंट में धोनी घुटने की चोट के साथ खेले हैं । उन्होंने बतौर खिलाड़ी अपने भविष्य पर फैसला लेने के लिये खुद को आठ नौ महीने का समय दिया है। हालांकि, हेडन का मानना है कि वह अगले आईपीएल में नहीं खेलेंगे।
एमएस एक जादूगर
हेडन ने पीटीआई से कहा ,‘‘ एमएस एक जादूगर हैं। वह किसी और का कचरा लेकर उसे सोने में बदल देते हैं। वह काफी कुशल और सकारात्मक कप्तान है। उसने बहुत रोचक बात कही है जो उसकी विनम्रता दर्शाती है। तमिलनाडु क्रिकेट संघ और उसकी टीम के बीच तालमेल कितना मजबूत है और टीम को मजबूत बनाने की प्रक्रिया की कड़ी भी है । हर लक्ष्य को पाने के लिये एक प्रक्रिया होती है और उसने पहले भारतीय टीम के साथ और अब सीएसके के साथ यह करके दिखाया ।’’
अगले साल नहीं खेलेंगे धोनी
हेडन ने यूनिवर्सिटी आफ टेक्नॉलॉमी सिडनी द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में कहा ,‘‘ वह अगले साल खेलेंगे या नहीं , यह अब अप्रासंगिक है। मुझे लगता है कि वह नहीं खेलेंगे, लेकिन वह एम एस धोनी हैं ।’’ हेडन ने यह भी कहा कि दुनिया भर में टी20 क्रिकेट के बढते चलन से खिलाड़ियों के लिये तीनों प्रारूपों में खेलना कठिन हो गया है। उन्होंने कहा ,‘‘ तीनों प्रारूपों में खेलने वाले खिलाड़ियों का समय खत्म होने वाला है । टेस्ट क्रिकेट खेलने को लेकर काफी उत्साह है और विश्व टेस्ट चैंपियनशिप उसका उदाहरण है। इसके अलावा देखें तो काफी टी20 क्रिकेट हो रहा है।’’
निकोलस पूरन क्या टेस्ट क्रिकेट खेलना चाहेंगे
हेडन ने कहा कि दुनिया भर में फ्रेंचाइजी क्रिकेट खेलने के लिये राष्ट्रीय अनुबंध छोड़ने वाले खिलाड़ियों को दोष नहीं दिया जा सकता। उन्होंने कहा ,‘‘ यह तय है कि कल बच्चे क्रिकेट खेलना चाहेंगे तो फ्रेंचाइजी क्रिकेट ही खेलेंगे । उन्होंने देखा है कि कमजोर तबके के कई खिलाड़ी , खासकर वेस्टइंडीज के क्रिकेटर कितने सक्रिय हैं। मिसाल के तौर पर निकोलस पूरन क्या टेस्ट क्रिकेट खेलना चाहेंगे । उससे पहले ड्वेन ब्रावो ने टेस्ट क्रिकेट खेला लेकिन ज्यादातर दुनिया भर में फ्रेंचाइजी क्रिकेट खेला है ।’’
