Venkata Krishna B
वी रमेश कुमार (V Ramesh Kumar) एक व्यापारी हैं, जिनकी कपड़े की फैक्ट्री है और तिरुपुर में लगभग 1,000 लोगों को रोजगार देते हैं। रमेश कुमार अपने उत्पाद का अधिकांश हिस्सा यूरोप (Europe), ओशिनिया क्षेत्र (Oceania region) और उत्तरी अमेरिका (North America) में निर्यात करते हैं। राष्ट्रीय चैंपियनशिप में 110 मीटर बाधा दौड़ में तमिलनाडु (Tamil Nadu) के पूर्व एथलीट रमेश कुमार एमबीए (MBA) डिग्रीधारी हैं। रमेश कुमार मनोविज्ञान (Psychology) में एमएस (MS) भी हैं। हालांकि, वी रमेश कुमार इन सबकी वजह से नहीं, बल्कि क्रिकेट के गलियारों में सुर्खियों में हैं।
44 साल के वी रमेश कुमार तमिलनाडु क्रिकेट एसोसिएशन (TNCA) के प्रमुख क्यूरेटर (Curator) हैं। रमेश कुमार चेन्नई (Chennai) के प्रतिष्ठित एमए चिदंबरम स्टेडियम (M A Chidambaram stadium) में पिच के प्रभारी हैं। अब वह ऑस्ट्रेलिया (Australia) के खिलाफ आगामी एकदिवसीय मैच (One Day International) और आईपीएल (IPL) की तैयारियों में जुटे हुए हैं। फैक्ट्री मालिक से पिच क्यूरेटर तक बनने की रमेश कुमार की यह यात्रा काफी दिलचस्प (Interesting) है और इसमें एक दशक से अधिक का समय लगा है।
वी रमेश कुमार कहते हैं कि यह यात्रा 2010 के आसपास शुरू हुई, जब उन्हें अपनी अकादमी तिरुपुर स्कूल ऑफ क्रिकेट में टर्फ पिच बनाने के लिए कोई क्यूरेटर नहीं मिला। रमेश कुमार ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया, इसलिए मैंने 2016 में बीसीसीआई कोर्स (मान्यता प्राप्त क्यूरेटर बनने के लिए) के लिए दाखिला लिया और अब मैं यहां हूं।
इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट मैच से पहली बार सुर्खियों में आए वी रमेश कुमार
वी रमेश कुमार पहली बार तब सबकी नजरों में आए, जब उन्होंने पिछले साल चेन्नई में इंग्लैंड के खिलाफ भारत के दो टेस्ट मैचों के लिए पिचें तैयार कीं। एक क्यूरेटर के लिए बहुत बड़ी बात थी, जो पहले कभी प्रथम श्रेणी मैचों के लिए भी पिच बनाने में शामिल नहीं था। रमेश कुमार मानते हैं कि यह टीएनसीए का उन पर विश्वास था और वह खरे उतरे। हालांकि, अब जैसे-जैसे 2023 करीब आ रहा है रमेश कुमार के पास और अधिक व्यस्त (ऑस्ट्रेलिया के एकदिवसीय मैच और आईपीएल के अलावा) कार्यक्रम है। बीसीसीआई ने संतुलित और फॉर्मेट अनुकूल पिचों को तैयार करने की क्षमता को देखते हुए रमेश कुमार को कई और टर्फ विकेट तैयार करने की जिम्मेदारियां दी हैं।
वी रमेश कुमार ने कॉलेज के दिनों तक ही खेला है क्रिकेट
कॉलेज के दिनों तक ही क्रिकेट खेलने वाले रमेश कुमार अकादमी शुरू करने के बाद इस खेल में डूब गए। रमेश कुमार की अकादमी पश्चिमी तमिलनाडु में इस तरह के सबसे लोकप्रिय केंद्रों में से एक है और वर्तमान में इसमें लगभग 90 छात्र प्रशिक्षण ले रहे हैं। उन 90 में से लगभग आधे प्रशिक्षुओं को मुफ्त में कोचिंग दी जाती है। अकादमी उनके स्कूल और कॉलेज की फीस का भी खर्चा उठाती है। अकादमी के नौ खिलाड़ी (लड़के और लड़कियां) विभिन्न आयु-वर्गों में तमिलनाडु की टीम का हिस्सा हैं। रमेश कुमार ने इनमें से कुछ बच्चों के बेरोजगार माता-पिता को भी नौकरी दी है।
मुफ्त में सेवा देते हैं वी रमेश कुमार
रमेश कुमार कहते हैं, टीएनसीए ने सबसे पहले तिरुपुर में आयु वर्ग के कुछ मुकाबलों में सहायता के लिए उनसे संपर्क किया। उन पिचों को लेकर प्रभावशाली प्रतिक्रिया मिलने के बाद राज्य संघ ने उन्हें एमए चिदंबरम स्टेडियम में हेड क्यूरेटर के रूप में नियुक्त किया। हालांकि, रमेश कुमार की एक शर्त थी कि वह अपनी सेवाएं मुफ्त में देंगे।
टीएनसीए सचिव आरआई पलानी कहते हैं, हम उन्हें कम से कम न्यूनतम शुल्क लेने के लिए मनाने की पुरजोर कोशिश कर रहे हैं। लेकिन वह एक पैसा भी नहीं लेने पर अड़े हुए हैं। इस मामले में रमेश कुमार का कहना है, मैं यहां पैसे कमाने नहीं आया हूं। जुनून के लिए कौन मेहनताना लेगा?
रमेश कुमार कहते हैं, आपके पास एक ऐसी पिच होनी चाहिए जिसमें सभी के लिए सब कुछ हो। यही मैंने (प्रसिद्ध क्यूरेटर) आशीष भौमिक (बंगाल), तापस चटर्जी (राजस्थान), सुनील चौहान (हिमाचल), दलजीत सिंह (पंजाब), पी आर विश्वनाथ (तमिलनाडु) और प्रशांत (कर्नाटक) से सीखा। इन लोगों ने मुझे बहुत प्रोत्साहित किया, क्योंकि 2016 में जब मैंने कोर्स किया था तब मैं सबसे छोटा था।
विदेश यात्रा के दौरान भी पिच को लेकर जुटाते रहते हैं जानकारियां
पिछले कुछ वर्षों में, जब भी व्यवसाय के लिए सिलसिले में रमेश कुमार विदेश गए हैं तब उन्होंने वहां के कुछ मैदानों का दौरा किया। रमेश कुमार ने बताया, जब मैं यूके में होता हूं तो मैं कुछ काउंटियों से उनके ग्राउंड्समैन के साथ रहने की मंजूरी लेता हूं, जब वे पिच बनाते हैं। जब मैं ऑस्ट्रेलिया गया था, तो मैं यह जानने के लिए पर्थ गया था कि वहां इतनी उछाल क्यों है।