चेन्नई सुपर किंग्स की कप्तानी दोबारा मिलने के बाद महेंद्र सिंह धोनी का मानना है कि पूर्व कप्तान रविंद्र जडेजा पर कैप्टेंसी का दबाव पड़ रहा था। इससे उनके प्रदर्शन पर भी असर पड़ रहा था। महेंद्र सिंह धोनी ने सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ 13 रन से जीत हासिल करने के बाद रविंद्र जडेजा के कप्तानी छोड़ने के सवाल पर कहा, ‘रविंद्र जडेजा को पिछले सीजन में ही पता था कि उन्हें 2022 में कप्तानी का मौका दिया जाएगा। उनके पास इसके लिए तैयार होने का पर्याप्त समय था। मैं चाहता था कि कप्तानी का यह बदलाव सहज हो। मैं पहले कुछ मुकाबलों में उनकी मदद कर रहा था, लेकिन 2 मैच के बाद मैंने सारे फैसले उन पर छोड़ दिए थे।’
एमएस धोनी ने कहा, ‘मैंने उससे कहा कि अब वह कप्तान हैं। आपको फैसले लेने होंगे और उनकी जिम्मेदारी भी। सीजन खत्म होते-होते आप यह नहीं चाहते कि जडेजा यह सोचे कि वह मैदान पर सिर्फ टॉस करने जा रहे हैं और बाकी का काम कोई और कर रहा है। ऐसा नहीं है कि कप्तान के रूप में आपको थाली में परोस कर सब कुछ दिया जाएगा और यह कारगर रहेगा। आपको कभी-कभी उन्हें स्वतंत्रता देनी पड़ती है। आप अपने फैसले खुद लें और अपनी गलतियों से सीखें।’
एमएस धोनी ने कहा, ‘कप्तान बनने के बाद अपेक्षाएं बहुत बढ़ जाती हैं। इससे खिलाड़ी के प्रदर्शन पर असर पड़ सकता है। यही उनके साथ हुआ। उनकी तैयारी पर असर पड़ा और बल्ले और गेंद से वह पहले की तरह खेल नहीं पा रहा था। खिलाड़ी से कप्तान बनना एक धीमी प्रक्रिया होती है। आपको मैच के महत्वपूर्ण क्षणों में जिम्मेदारी लेते हुए कुछ अहम फैसले लेने होते हैं। जब आप कप्तान बनते हैं तो आपको अपने खेल के अलावा भी कई चीजों पर भी ध्यान देना होता है।’
धोनी ने कहा, ‘मुझे लगा कि जडेजा के खेल पर इसका असर पड़ रहा है। मैं जडेजा को एक गेंदबाज, बल्लेबाज और क्षेत्ररक्षक के रूप में रखना पसंद करूंगा। जडेजा इतना दबाव ले रहे थे कि उनसे कैच छूटने लगे थे। सामान्यतया ऐसा नहीं होता है। हम एक महान क्षेत्ररक्षक खासकर डीप मिड विकेट पर उनको मिस कर रहे थे। हमने इस सीजन अब तक 17-18 कैच छोड़े हैं। यह चिंता का विषय है। हालांकि, हम जल्द वापसी की कोशिश करेंगे।’