इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) 2021 का दूसरा चरण 19 सितंबर से संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में खेला जाना है। अब तक हुए 29 मुकाबलों के बाद दिल्ली कैपिटल्स पॉइंट टेबल में टॉप पर है। ऋषभ पंत की अगुआई वाली दिल्ली ने अपने 8 में से 6 मैच जीते हैं। वहीं, 5 बार की चैंपियन मुंबई इंडियंस चौथे नंबर पर है। रोहित शर्मा की कप्तानी में इस सीजन मुंबई 7 में से 4 मैच ही जीत पाई है।

सबसे खराब हालत काव्या मारन के मालिकाना हक वाली सनराइजर्स हैदराबाद की है। प्रीति जिंटा के सह-मालिकाना हक वाली पंजाब किंग्स की स्थिति भी बहुत अच्छी नहीं है। वह इस सीजन 8 मैच खेल चुकी है। इसमें से 3 में ही उसे जीत नसीब हुई है। उसके 6 अंक हैं। वह छठे नंबर पर है। इतने ही अंक राजस्थान रॉयल्स के भी हैं, लेकिन उसका नेट रनरेट पंजाब से बेहतर है, इसलिए वह पांचवें नंबर पर है।

पंजाब किंग्स ने 2021 सीजन के लिए हुई नीलामी में खिलाड़ियों पर जमकर धनवर्षा की। उसने झाए रिचर्डसन और रिले मेरेडिथ को असाधारण कीमतों पर खरीदा। दोनों अब आईपीएल के यूएई चरण से बाहर हो गए हैं। इससे पंजाब की योजना खराब हुई है, क्योंकि वे एक सुसंगत टीम बनने के लिए फिर से संघर्ष कर रहे हैं। केएल राहुल की अगुआई में पंजाब किंग्स की निगाह निश्चित रूप से प्लेऑफ में जगह बनाने पर होगी। उनकी प्लेऑफ में पहुंचने की उम्मीदें अभी जिंदा हैं। हालांकि, उनको ज्यादा से मैच जीतने होंगे।

पंजाब को अब राजस्थान, हैदराबाद, मुंबई, कोलकाता, बंगलौर और चेन्नई से एक मैच खेलना है। उसे यदि प्लेऑफ में जगह बनानी है तो इन 6 में से कम से कम 4 मैच जीतने होंगे। यह काम कठिन है, लेकिन असंभव नहीं है। पिछले सीजन उसने अपने आखिरी के 3 मैच लगातार जीते थे।

आईपीएल 2021 का शेड्यूल जब पहली बार सामने आया था तो सनराइजर्स हैदराबाद से बड़ी उम्मीदें थीं। लगा था कि वह प्लेऑफ के लिए क्वालिफाई करेगी। कुछ विशेषज्ञों का तो यह भी मानना था कि वह अंतिम चार में जगह बनाने वाली पहली टीम होगी।

कारण- उन्हें अपना पहला पांच मैच चेन्नई में खेलना था, उसके बाद चार दिल्ली में। दोनों मैदान स्पिनर्स की मदद करने वाली धीमी पिचों के लिए जाने जाते हैं। विशेष रूप से चेपॉक स्पिनर्स के लिए स्वर्ग था। हमेशा से स्पिन और गेंदबाजी ही सनराइजर्स हैदराबाद की ताकत रही है।

हालांकि, SRH सात में से सिर्फ एक मैच ही जीत पाया। वह 2 अंकों के साथ पॉइंट टेबल में सबसे नीचे है। यही नहीं, पहला चरण खत्म होने तक वे इतने अस्थिर थे कि उन्हें अपना कप्तान भी बदलना पड़ा, जिसने कुछ साल उन्हें पहले खिताब दिलाया था। हमेशा की तरह उनका मुद्दा बल्लेबाजी में रहा।

अच्छी ओपनिंग के बाद कौन? मध्यक्रम में विजय शंकर, मनीष पांडे, केदार जाधव जैसे खिलाड़ियों ने कुछ खास नहीं किया। अब उनके सामने चढ़ने के लिए एक पहाड़ है। उन्हें यदि टॉप-4 में पहुंचना हो तो बाकी बचे 7 मैच में सभी या कम से कम 6 तो जीतने ही पड़ेंगे।