रॉयल चैलेंजर्स बंगलौर के खिलाफ आईपीएल 2020 के एलिमिनेटर मुकाबले में सनराइजर्स हैदराबाद के कप्तान डेविड वॉर्नर को थर्ड अंपायर ने आउट करार दिया था। थर्ड अंपायर वीरेंदर शर्मा के इस फैसले पर सवाल उठने शुरू हो गए। इस सीजन में अंपायरिंग को लेकर यह पहला फैसला नहीं है जिस पर विवाद हो रहा है। इससे पहले महेंद्र सिंह धोनी के तेवर देखकर अंपायर ने वाइड नहीं दिया था। उस पर भी काफी विवाद हुआ था।

हैदराबाद और बंगलौर के मैच में डेविड वॉर्नर ने टॉस जीत कर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। आरसीबी ने सनराइजर्स को 132 रन का लक्ष्य दिया। लक्ष्य का पीछा करने उतरे वॉर्नर ने 17 रन बना लिए थे। लगा रहा था कि वे बड़ी पारी खेलेंगे, तभी मोहम्मद सिराज की गेंद उनके पेट और ग्लव्स के बीच से निकल गई। सिराज और विकेटकीपर एबी डिविलियर्स ने जोरदार अपील की। इसके बावजूद मैदानी अंपायर ने आउट नहीं दिया। फिर विराट कोहली ने डीआरएस ले लिया। मैदानी ने सॉफ्ट सिंग्नल के तौर पर नॉट करार दिया।

थर्ड अंपायर ने काफी देर तक वीडियो देखने के बाद वॉर्नर को आउट करार दे दिया। हालांकि, वीडियो में यह साफ-साफ नहीं दिख रहा था कि गेंद उनके पेट से लगकर विकेटकीपर के पास गई या ग्लव्स को छूकर निकली है। फैसले के बाद वॉर्नर हैरान हो गए। इस फैसले को लेकर कमेंट्री बॉक्स में कमेंटेटर्स दो खेमों में बंट गए। कमेंटेटर पॉमी मबांग्वा ने फैसले की आलोचना करते हुए कहा, ‘‘वार्नर को आउट नहीं दिया जाना चाहिए था। सबूत पुख्ता नहीं थे और मैदानी अंपायर का निर्णय नॉट आउट था।’’ हालांकि, उन्होंने बाद में यह भी कहा कि यह फैसला किसी भी ओर जा सकता था।

न्यूजीलैंड के पूर्व खिलाड़ी स्कॉट स्टायरिस ने कहा, ‘‘थर्ड अंपयार का अविश्वसनीय फैसला था। वार्नर के पास गुस्सा होने का पर्याप्त कारण है। मैदानी अंपायर का फैसला नॉट आउट था और इसे बदलने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं थे।’’ न्यूजीलैंड के साइमन डूल ने कहा कि गेंद ग्लव्स को छूकर नहीं निकल रही थी। मुंबई इंडियंस की ओर से खेल रहे न्यूजीलैंड के मिशेल मैक्लेनाघन ने कहा कि ग्लव्स से गेंद नहीं लगी थी। नॉट आउट होना चाहिए था। दूसरी ओर, इतने विरोध के बावजूद थर्ड अंपायर को भारत के दिग्गज क्रिकेटर सुनील गावस्कर का साथ मिला। गावस्कर ने कहा कि विवाद को समाप्त करते हुए कहा कि अंपायर के फैसले का सम्मान किया जाना चाहिए।