इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) ने कई अंजान खिलाड़ियों को स्टार बनाया है। मनीष पांडेय, हार्दिक पंड्या, क्रुणाल पंड्या और रविंद्र जडेजा सहित कई ऐसे खिलाड़ी रहे हैं जो आईपीएल में बेहतर प्रदर्शन के दम पर टीम इंडिया में अपनी जगह बना सके हैं। ऐसे ही एक खिलाड़ी हैं रिंकू सिंह। वे टीम इंडिया में अपनी जगह तो नहीं बना सके हैं, लेकिन कोलकाता नाइटराइडर्स की टीम में बने हुए हैं। आर्थिक तंगी के कारण कभी स्वीपर बनने को तैयार रहने वाले रिंकू को केकेआर ने 2018 में 80 लाख रुपए में खरीदकर उनका जीवन बदल दिया था।
रिंकू का जन्म उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में हुआ था। उनके पिता घर-घर एलपीजी सिलेंडर की पहुंचाया करते थे। वहीं, भाई ऑटो रिक्शा चलाकर पिता की मदद किया करता था। वे कुल 5 भाई-बहन हैं। रिंकू 9वीं में फेल हो गए थे। घर की आर्थिक स्थिति इतनी अच्छी नहीं थी कि उन्हें पढ़ाया और क्रिकेटर बनाया जाए। परिवार के दुख को देखते हुए रिंकू ने स्वीपर बनने का प्लान बना लिया था। इसके लिए वे भाई की मदद ले रहे थे। फिर भी रिंकू साइड से क्रिकेट खेल रहे थे।
एक बार लोकल टूर्नामेंट में उन्होंने हिस्सा लिया तो मैन ऑफ द सीरीज बन गए। इनाम के तौर पर उनको बाइक मिली जिसे उन्होंने पिता को दे दी। पिता इससे सिलेंडर की डिलीवरी करने लगे। रिंकू का प्रदर्शन धीरे-धीरे लोगों की नजर में आने लगा। वे यूपी टीम के घरेलू टूर्नामेंट के लिए चुन लिए गए। 2014 में रिंकू ने विदर्भ के खिलाफ यूपी की ओर से अपना रणजी डेब्यू किया। अपने प्रदर्शन के दम पर वे टीम के नियमित प्लेयर बन गए। रिंकू अपनी कमाई घरवालों को दे देते हैं।
2017 में रिंकू को किंग्स इलेवन पंजाब ने 10 लाख रुपए में खरीदा, लेकिन उन्हें सिर्फ एक मैच खेलने का मौका मिला। उसमें भी उन्हें बल्लेबाजी नहीं मिली। टीम ने फिर से उन्हें ऑक्शन में डाल दिया। इसके बाद 2018 में केकेआर ने उनपर बड़ा दांव लगाया। शाहरुख खान की टीम ने उन्हें 80 लाख रुपए में खरीद लिया। इससे रिंकू के घर की आर्थिक स्थिति सुधर गई। रिंकू ने केकेआर के लिए 2018 में 4 और 2019 में 5 मैच खेले थे। शाहरुख की मदद से रिंकू के घर की हालत तो ठीक हो गई, लेकिन अभी तक रिंकू का करियर सेट नहीं हो पाया है। उन्हें टीम में जगह नियमित करने के लिए रन बनाने होंगे।