पाकिस्तान के पूर्व कप्तान इंजमाम उल हक का मानना है कि उन्होंने जिन भारतीय खिलाड़ियों के खिलाफ खेला है, वे टीम की बजाए खुद के लिए शतक लगाते थे। वहीं इंजमाम ने यह भी कहा कि पाकिस्तानी टीम के खिलाड़ी ऐसे नहीं थे। वे टीम के लिए खेलते थे। इंजमाम ने पूर्व पाकिस्तानी कप्तान रमीज राजा के यूट्यूब चैनल पर इंटरव्यू के दौरान ये बातें कहीं। उन्होंने दोनों टीमों के बीच इस चीज को बड़ा अंतर माना। दरअसल, भारतीय टीम 90 के दशक तक पाकिस्तान के खिलाफ द्विपक्षीय सीरीज में बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पाती थी, उसके बाद टीम इंडिया हमेशा हावी रही।
इंजमाम ने भारतीय खिलाड़ियों पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘जब हम भारत के खिलाफ खेलते थे, तो उनकी बल्लेबाजी कागजों पर हमारी बल्लेबाजी से मजबूत थी। लेकिन हमारे बल्लेबाज जो 30-40 रन बनाते थे वो टीम के लिए बनाते थे। दूसरी ओर, भारत की ओर से कोई 100 रन भी बनाता था तो वो अपने लिए बनाता था, वो टीम के लिए नहीं अपने लिए खेलते थे। उस समय भारत और पाकिस्तान में यही अंतर था।’’ इंजमाम ने भारत के खिलाफ 10 टेस्ट में 833 रन बनाए थे। वहीं, 67 वनडे में उन्होंने 2403 रन बनाए थे।
इससे पहले इंजमाम ने सचिन तेंदुलकर पर भी निशाना साधा था। उन्होंने कहा था कि वे बहुत बड़े खिलाड़ी हैं, लेकिन अभी तक कोचिंग देना शुरू नहीं किया है। यह गलत है। इंजमाम ने मौजूदा प्रधानमंत्री इमरान खान की कप्तानी में डेब्यू किया था। तब पाकिस्तानी टीम 1992 में वर्ल्ड कप जीती थी। इंजमाम ने इमरान को महान कप्तान बताया। उन्होंने कहा कि वे उन खिलाड़ियों का भी साथ देते थे, जो बेहतर प्रदर्शन करने में नाकाम होते थे।
50 साल के इंजमाम ने कहा, ‘‘इमरान भाई तकनीकि तौर पर बेहतर कप्तान नहीं थे, लेकिन वे जानते थे खिलाड़ियों के अंदर से बेस्ट कैसे निकालना है। वे युवा खिलाड़ियों का साथ देते थे। उन पर विश्वास जताते थे। यही उन्हें एक महान कप्तान बनाता है।’’ इंजमाम ने वर्ल्ड कप 1992 के फाइनल में इंग्लैंड के खिलाफ 35 गेंद पर 42 रन बनाए थे। इससे पहले न्यूजीलैंड के खिलाफ सेमीफाइनल में 37 गेंद पर 60 रन बनाए थे।