प्रत्युष राज, देवेन्द्र पांडे, वेंकट कृष्णा बी। पिछले महीने भरतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने आखिरकार उस समस्या के खिलाफ कदम उठाया, जो 2008 में इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के उदय बाद पैदा हुई थी। बोर्ड ने खिलाड़ियों को “घरेलू क्रिकेट पर आईपीएल” को तरजीह देने के खिलाफ चेतावनी दी। मिसाल पेश करने के लिए इस सीजन में रणजी ट्रॉफी मैच न खेलने के कारण दो युवा स्टार श्रेयस अय्यर और इशान किशन को सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट से बाहर कर दिया। बीसीसीआई क्यों इस ट्रेंड पर रोक लगाने की कोशिश कर रहा है? क्यों उसने यह बड़ा कदम उठाया? इसके पीछे का कारण रणजी ट्रॉफी जैसे घरेलू क्रिकेट की खराब हालत है।

द इंडियन एक्सप्रेस ने आईपीएल की टीमों की सूचियों का विश्लेषण किया तो पता चला कि शुक्रवार, 22 मार्च से शुरू होने वाले आईपीएल 2024 के लिए साइन किए गए 165 भारतीय क्रिकेटर्स में से 56 अपने राज्य इकाइयों के रडार पर होने के बावजूद इस सप्ताह समाप्त हुए रणजी सीजन में एक मैच के लिए उपलब्ध नहीं रहे। वहीं 25 केवल 1-1 मैच खेले।

रणजी ट्रॉफी के बाद आईपीएल नीलामी आयोजित करने का अनुरोध

जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन का प्रबंधन देख रही बीसीसीआई की कमिटी के हिस्सा ब्रिगेडियन अनिल गुप्ता ने इसे लेकर कहा, ” यही चिंता की बात है। तेज गेंदबाजों (जो चोटिल होते हैं) को भूल जाइए, आईपीएल कॉन्ट्रैक्ट वाले बल्लेबाज भी रणजी ट्रॉफी नहीं खेलना चाहते हैं। हमने बीसीसीआई से रणजी ट्रॉफी के बाद आईपीएल नीलामी आयोजित करने का अनुरोध किया है। इसका खामियाजा हमें भुगतना पड़ रहा है।”

चार घंटे के आईपीएल के लिए फिट रहने के लिए चार दिन के रणजी मैचों से तौबा

राज्यों के क्रिकेट बोर्ड के पदाधिकारियों का कहना है कि क्रिकेटर मुख्य रूप से चार घंटे के आईपीएल के लिए फिट रहने के लिए चार दिन के रणजी मैचों को नहीं खेलते हैं, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि इसके लिए क्या केवल खिलाड़ी ही दोषी हैं? राज्य इकाई के वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा, ” बीसीसीआई ने उन्हें इससे बचने की इजाजत दे दी। कोई स्पष्ट नीति या फिटनेस प्रोटोकॉल नहीं होने के कारण राज्य इकाइयां आईपीएल स्टार्स को प्रथम श्रेणी क्रिकेट खेलने के लिए मजबूर करने में असहाय हैं।”

रणजी ट्रॉफी के आंकड़े और राज्य इकाई के पदाधिकारियों के इंटरव्यू से बेहतर इस संकट के बारे पता नहीं चल सकता। क्रिकेटर चोट के बहाने अक्सर रणजी ट्रॉफी मैच नहीं खेलते।

मुंबई इंडियंस के नए कप्तान हार्दिक पंड्या का नाम उन खिलाड़ियों में है, जो आईपीएल से सबसे ज्यादा कमाई करते हैं। उनके भाई ऑलराउंडर क्रुणाल पंड्या, लखनऊ सुपरजायंट्स (LSG) के हिस्सा हैं। वे कुछ समय से रणजी में बड़ौदा के लिए नहीं खेले हैं। हार्दिक ने आखिरी बार घरेलू टूर्नामेंट 2018 में खेला था।

बड़ौदा क्रिकेट एसोसिएशन के सचिव अजीत लेले ने कहा, ” पंड्या बंधुओं ने हमें इसकी वजह नहीं बताई। जब वे उपलब्ध होते हैं तो वे कोच या एसोसिएशन अध्यक्ष से संपर्क करते हैं, लेकिन उन्होंने पिछले कुछ समय से रणजी नहीं खेला है। क्रुणाल ने इस सीजन में बड़ौदा के लिए सीमित ओवरों का क्रिकेट खेला और हार्दिक चोट से उबर रहे हैं।”

उमरान मलिक ने 150 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से गेंद करके सुर्खियां बंटोरी। जम्मू कश्मीर के दो अन्य तेज गेंदबाज रसिख सलाम डार और युद्धवीर सिंह चरक का आईपीएल में चयन हुआ। दोनों रणजी ट्रॉफी नहीं खेले।

ब्रिगेडियर अनिल गुप्ता ने कहा, “रसिख ने कैंप में अपना टेंडन चोटिल कर बैठे। युद्धवीर को एलएसजी से एक मेडिकल रिपोर्ट मिली, जिसमें कहा गया था कि उसके कंधे में चोट है। हमारे फिजियो द्वारा उनकी जांच नहीं की गई। यहां तक कि उमरान भी रणजी ट्रॉफी में खेलने के लिए अनिच्छुक थे।”

भारत के कोच राहुल द्रविड़ ने कहा था कि झारखंड के इशान किशन को भारत के लिए वापसी करने के लिए रणजी में खेलना चाहिए, लेकिन झारखंड राज्य क्रिकेट संघ के अध्यक्ष संजय सहाय ने कहा, ”उन्होंने कभी भी खुद को रणजी के लिए उपलब्ध नहीं रखा। हमें कोच, चयनकर्ताओं या बीसीसीआई से कोई दिशानिर्देश नहीं मिला है।

2014 से विदर्भ के लिए नियमित रणजी खिलाड़ी, जितेश शर्मा को 2022 में अपना पहला आईपीएल अनुबंध मिला। इस जनवरी में वह भारत-अफगानिस्तान टी20 सीरीज खेले। बाद में उसी महीने वह एक रणजी मैच खेले। वह फाइनल सहित नौ रणजी मैच नहीं खेले।

विदर्भ की चयन समिति के अध्यक्ष सुहास फड़कर ने कहा, ” आखिरी बात जो हमें पता है, जितेश ने एक मेडिकल रिपोर्ट सौंपी थी जिसमें कहा गया था कि उसकी ग्रोइन में कुछ समस्या है। उन्होंने एसोसिएशन को फिटनेस अपडेट नहीं दिया है। जहां तक हमारा सवाल है, वह घायल हैं।”

चाहर बंधु – दीपक (चेन्नई सुपर किंग्स) और राहुल (पंजाब किंग्स) रणजी ट्रॉफी में राजस्थान का प्रतिनिधित्व करते हैं। लेकिन इस सीजन में राहुल ने एक मैच खेला और दीपक ने कोई नहीं। राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के एक पदाधिकारी के अनुसार, “वे कौन सा रणजी मैच खेलना है और कौन सा नहीं चुनते हैं । अपने आईपीएल फ्रेंचाइजी से मेडिकल रिपोर्ट जमा करते हैं कि वे अनफिट हैं। ऐसा सालों से होता आ रहा है।”

चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) के तेज गेंदबाज राजवर्धन हैंगरगेकर और मुकेश चौधरी ने चोट के कारण इस सीजन में रणजी मैच नहीं खेला है, लेकिन उनके घरेलू संघ महाराष्ट्र को उनकी फिटनेस के बारे में कोई स्पष्टता नहीं है।

पिछले महीने तक महाराष्ट्र क्रिकेट एसोसिएशन के सचिव शुभेन्द्र भंडारकर ने कहा, ” हैंगरगेकर और मुकेश घायल हैं और हमें नहीं पता कि वे कब फिट होंगे। यही कारण है कि वे इस सीजन रणजी में नहीं खेल पाए। उन्हें कैसी चोट है इसके के बारे में मैं नहीं जानता क्योंकि फिजियो उनकी निगरानी कर रहे हैं।”

रणजी और आईपीएल की कमाई का फर्क

अब जरा घरेलू क्रिकेट पर विचार करें। मुंबई की रणजी विजेता टीम का हिस्सा रहे भूपेन लालवानी को 10 प्रथम श्रेणी मैच खेलने के लिए 17,20,000 रुपये मिले। इसके विपरीत, पिछली आईपीएल नीलामी में किसी खिलाड़ी के लिए सबसे कम बेस प्राइस 20 लाख रुपये था। इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि घरेलू टूर्नामेंट, जिनमें आईपीएल खिलाड़ियों की भीड़ देखी जाती है वे छोटे प्रारूप वाले सैयद मुश्ताक अली टी20 और 50 ओवर की विजय हजारे ट्रॉफी हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि फ्रेंचाइजी टैलेंट्स स्काउंट्स भेजती हैं।

प्रथम श्रेणी क्रिकेट आपको एक बेहतर क्रिकेटर बनाता है

भारत के पूर्व कप्तान और बीसीसीआई शीर्ष परिषद के सदस्य दिलीप वेंगसरकर के अनुसार, प्रथम श्रेणी क्रिकेट आपको एक बेहतर क्रिकेटर बनाता है। उन्होंने कहा, “लंबा प्रारूप आपको मानसिक दृढ़ता और स्वभाव विकसित करने में मदद करता है, जो आपको छोटे प्रारूपों में भी एक अच्छा क्रिकेटर बनने में मदद करता है।

आईपीएल के आंकड़े भी बताते हैं प्रथम श्रेणी क्रिकेट की उपयोगिता

आईपीएल के आंकड़े बताते हैं कि टी20 लीग के शीर्ष 10 रन बनाने वालों की सूची में प्रत्येक बल्लेबाज ने 100 से अधिक प्रथम श्रेणी मैच खेले हैं, जबकि सबसे ज्यादा विकेट लेने वालों में शामिल कम से कम आठ गेंदबाजों ने 50 से अधिक ऐसे मैच खेले हैं। वेंगसरकर ने कहा, ” मेरा मानना है कि 19 साल से कम उम्र के क्रिकेटरों को टी20 फॉर्मेट में खेलने की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए। आजकल हो यह रहा है कि स्कूली क्रिकेट में भी वे टी-20 फॉर्मेट ही खेलते हैं।”

कुछ आईपीएल फ्रेंचाइजी भी चाहती हैं प्रथम श्रेणी क्रिकेट खेलें क्रिकेटर्स

कुछ आईपीएल फ्रेंचाइजी का दावा है कि वे अपने क्रिकेटरों को लंबे प्रारूप में खेलने पर जोर देते हैं। चेन्नई सुपर किंग्स के सीईओ कासी विश्वनाथन ने कहा, “हम इन खिलाड़ियों पर रणजी खेलने पर जोर दे रहे हैं क्योंकि इसी तरह आप क्रिकेटर के रूप में विकसित होते हैं।” उत्तराखंड रणजी कोच मनीष झा के मुताबिक पिछले महीने बीसीसीआई सचिव जय शाह की चेतावनी बिल्कुल सही समय पर आई। उन्होंने कहा, “इससे रणजी ट्रॉफी बच गई है क्योंकि खिलाड़ी वास्तव में देश के प्रमुख घरेलू क्रिकेट टूर्नामेंट में खेलने में रुचि नहीं रखते। आईपीएल के कारण भारतीय घरेलू क्रिकेट में उथल-पुथल मची हुई है।”